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Obsessed Meaning in Hindi

Obsessed का हिंदी में अर्थ होता है जुनून सवार, दिल में घर कर लेना, दिमाग़ में घर कर लेना, मनोग्रहीत, आसक्त, धुन में। यह किसी व्यक्ति या चीज़ के प्रति अत्यधिक या जुनूनी लगाव को दर्शाता है। Obsessed व्यक्ति उस चीज़ को लेकर लगातार सोचता रहता है, और उसे पाने या करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है।

obsessed शब्द का प्रयोग अक्सर किसी व्यक्ति या चीज़ के प्रति नकारात्मक लगाव को दर्शाने के लिए भी किया जाता है। उदाहरण:

  • वह अपने पूर्व प्रेमी से इतना obsessed है कि वह उसे भूल नहीं पा रही है।
  • वह सोशल मीडिया से इतना obsessed है कि वह अपनी वास्तविक जिंदगी को जीना भूल गया है।

अंग्रेजी में obsessed शब्द का प्रयोग निम्नलिखित वाक्यों में किया जा सकता है:

  • I’m obsessed with my new phone.
  • She’s obsessed with cleanliness.
  • He’s obsessed with winning.

हिंदी में obsessed शब्द का प्रयोग निम्नलिखित वाक्यों में किया जा सकता है:

  • मैं अपने नए फोन से जुनून सवार हूँ।
  • वह सफाई से इतना आसक्त है कि वह घर के हर कोने में झाड़ू लगाती है।
  • वह जीतने के लिए इतना जुनूनी है कि वह किसी भी हद तक जा सकता है।
Obsessed

उदाहरण:

  • वह अपने काम से इतना obsessed है कि वह परिवार के लिए समय नहीं निकाल पाता है।
  • वह अपने नए जूतों से इतना obsessed है कि वह उन्हें हर दिन पहनता है।
  • वह उस लड़की से इतना obsessed है कि वह उसकी हर बात मानता है।

अब्सेस्न के प्रकार

अब्सेस्न के कई प्रकार हैं, जिन्हें आमतौर पर दो श्रेणियों में बांटा जाता है:

  • नकारात्मक अब्सेस्न: ये अब्सेस्न अक्सर चिंता और भय से जुड़े होते हैं। इनमें शामिल हैं:
    • हानिकारक होने का डर: इस प्रकार के अब्सेस्न में व्यक्ति को किसी को नुकसान पहुंचाने के बारे में चिंता होती है, चाहे वह शारीरिक रूप से हो या भावनात्मक रूप से।
    • संक्रमण का डर: इस प्रकार के अब्सेस्न में व्यक्ति को किसी प्रकार के संक्रमण से दूषित होने की चिंता होती है, जैसे कि बैक्टीरिया, वायरस या कीड़े।
    • अपूर्णता का डर: इस प्रकार के अब्सेस्न में व्यक्ति को किसी काम को पूरी तरह से करने या किसी चीज़ को सही तरीके से करने की चिंता होती है।
  • सकारात्मक अब्सेस्न: ये अब्सेस्न अक्सर जुनून या लत से जुड़े होते हैं। इनमें शामिल हैं:
    • आसक्ति: इस प्रकार के अब्सेस्न में व्यक्ति किसी व्यक्ति, चीज़ या गतिविधि से इतना जुड़ा हुआ महसूस करता है कि वह उससे दूर नहीं हो सकता।
    • जुनून: इस प्रकार के अब्सेस्न में व्यक्ति किसी चीज़ या गतिविधि के बारे में इतना रोमांचित या उत्साहित होता है कि वह उस पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ हो जाता है।
    • लत: इस प्रकार के अब्सेस्न में व्यक्ति किसी पदार्थ या गतिविधि पर निर्भर हो जाता है, और उसे उससे दूर रहने में कठिनाई होती है।

अब्सेस्न के अन्य प्रकारों में शामिल हैं:

  • सांस्कृतिक अब्सेस्न: ये अब्सेस्न किसी विशेष संस्कृति या समुदाय के भीतर प्रचलित हैं। उदाहरण के लिए, कुछ संस्कृतियों में सफाई का बहुत महत्व होता है, और कुछ लोगों को इस बात पर अत्यधिक ध्यान देने के कारण अब्सेस्न हो सकता है।
  • व्यक्तिगत अब्सेस्न: ये अब्सेस्न किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत इतिहास या अनुभवों से संबंधित हैं। उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति को बचपन में किसी घटना के कारण किसी चीज़ से अब्सेस्न हो सकता है।

अब्सेस्न किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन वे अक्सर उन लोगों में अधिक आम होते हैं जिनके पास मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति होती है, जैसे कि चिंता विकार, जुनूनी-बाध्यकारी विकार (ओसीडी) या द्विध्रुवी विकार।

अब्सेस्न के लक्षण

अब्सेस्न के लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर निम्नलिखित में से कुछ शामिल होते हैं:

  • बार-बार होने वाले विचार, भावनाएं या आग्रह: अब्सेस्न अक्सर बार-बार होते हैं, और व्यक्ति उन्हें नियंत्रित करने में असमर्थ महसूस करता है।
  • असुविधा या चिंता: अब्सेस्न अक्सर व्यक्ति को असुविधा या चिंता का कारण बनते हैं।
  • बाध्यकारी व्यवहार: व्यक्ति अब्सेस्न से जुड़े विचारों, भावनाओं या आग्रहों को दूर करने के लिए बाध्यकारी व्यवहार कर सकता है।

अब्सेस््न के कुछ विशिष्ट लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • नकारात्मक अब्सेस्न:
    • हानिकारक होने का डर: व्यक्ति को किसी को नुकसान पहुंचाने के बारे में चिंता होती है, चाहे वह शारीरिक रूप से हो या भावनात्मक रूप से।
    • संक्रमण का डर: व्यक्ति को किसी प्रकार के संक्रमण से दूषित होने की चिंता होती है, जैसे कि बैक्टीरिया, वायरस या कीड़े।
    • अपूर्णता का डर: व्यक्ति को किसी काम को पूरी तरह से करने या किसी चीज़ को सही तरीके से करने की चिंता होती है।
  • सकारात्मक अब्सेस्न:
    • आसक्ति: व्यक्ति किसी व्यक्ति, चीज़ या गतिविधि से इतना जुड़ा हुआ महसूस करता है कि वह उससे दूर नहीं हो सकता।
    • जुनून: व्यक्ति किसी चीज़ या गतिविधि के बारे में इतना रोमांचित या उत्साहित होता है कि वह उस पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ हो जाता है।
    • लत: व्यक्ति किसी पदार्थ या गतिविधि पर निर्भर हो जाता है, और उसे उससे दूर रहने में कठिनाई होती है।

अब्सेस्न के लक्षण किसी व्यक्ति के दैनिक जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। वे काम, अध्ययन, रिश्तों और अन्य गतिविधियों में हस्तक्षेप कर सकते हैं। यदि आपको अब्सेस्न के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।

अब्सेस्न के कारण

अब्सेस्न के कारण पूरी तरह से समझे नहीं जा पाए हैं, लेकिन माना जाता है कि वे कई कारकों के संयोजन के कारण होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • जैविक कारक: कुछ शोधों से पता चला है कि अब्सेस्न के कुछ मामलों में जैविक कारक शामिल हो सकते हैं, जैसे कि मस्तिष्क में कुछ रसायनों का असंतुलन।
  • पर्यावरणीय कारक: कुछ शोधों से पता चला है कि अब्सेस्न के कुछ मामलों में पर्यावरणीय कारक शामिल हो सकते हैं, जैसे कि बचपन में किसी तरह का आघात या तनाव।
  • व्यक्तिगत कारक: कुछ शोधों से पता चला है कि अब्सेस्न के कुछ मामलों में व्यक्तिगत कारक शामिल हो सकते हैं, जैसे कि चिंता या नकारात्मक सोच।

अब्सेस्न अक्सर किसी मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति, जैसे कि जुनूनी-बाध्यकारी विकार (ओसीडी) या द्विध्रुवी विकार के साथ होते हैं। ओसीडी एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जो बार-बार होने वाले विचारों, भावनाओं या आग्रहों (अब्सेस्न) और बाध्यकारी व्यवहारों की विशेषता है। द्विध्रुवी विकार एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जो मनोदशा के चरम (उच्च और निम्न) की विशेषता है।

अब्सेस्न किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन वे अक्सर उन लोगों में अधिक आम होते हैं जिनके पास मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति होती है, जैसे कि चिंता विकार, जुनूनी-बाध्यकारी विकार (ओसीडी) या द्विध्रुवी विकार।

अब्सेस्न के उपचार में अक्सर मनोचिकित्सा और दवा शामिल होती है। मनोचिकित्सा में व्यक्ति को अब्सेस्न और बाध्यकारी व्यवहारों से निपटने के लिए कौशल सीखने में मदद मिलती है। दवाएं अब्सेस्न और बाध्यकारी व्यवहारों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं।

अब्सेस्न एक गंभीर स्थिति हो सकती है, लेकिन इसका इलाज किया जा सकता है। यदि आपको अब्सेस्न के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।

बच्चो, किशोरों और वयस्कों में लक्षण

बच्चों में अब्सेस्न के लक्षण

बच्चों में अब्सेस्न के लक्षण अक्सर वयस्कों में देखे जाने वाले लक्षणों से अलग होते हैं। बच्चों में अब्सेस्न के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • बार-बार होने वाले विचार या व्यवहार: बच्चे एक ही विचार या व्यवहार को बार-बार कर सकते हैं, जैसे कि एक ही शब्द या वाक्य को बार-बार कहना या एक ही गतिविधि को बार-बार करना।
  • बाध्यकारी व्यवहार: बच्चे बाध्यकारी व्यवहार कर सकते हैं, जैसे कि अपने हाथों को बार-बार धोना या चीजों को व्यवस्थित करना।
  • चिंता या तनाव: बच्चे अब्सेस्न के कारण चिंता या तनाव महसूस कर सकते हैं।

किशोरों में अब्सेस्न के लक्षण

किशोरों में अब्सेस्न के लक्षण आमतौर पर बच्चों में देखे जाने वाले लक्षणों के समान होते हैं। हालांकि, किशोरों में अब्सेस्न के कुछ विशिष्ट लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • सामाजिक चिंता: किशोरों को अब्सेस्न के कारण सामाजिक चिंता हो सकती है।
  • अवसाद: अब्सेस्न किशोरों को अवसाद का कारण बन सकते हैं।
  • अपराधबोध: अब्सेस्न किशोरों को अपराधबोध का कारण बन सकते हैं।

वयस्कों में अब्सेस्न के लक्षण

वयस्कों में अब्सेस्न के लक्षण आमतौर पर बच्चों और किशोरों में देखे जाने वाले लक्षणों के समान होते हैं। हालांकि, वयस्कों में अब्सेस्न के कुछ विशिष्ट लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • काम या अध्ययन में कठिनाई: अब्सेस्न वयस्कों को काम या अध्ययन में कठिनाई का कारण बन सकते हैं।
  • रिश्तों में समस्याएं: अब्सेस्न वयस्कों के रिश्तों में समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
  • स्वयं की देखभाल में कठिनाई: अब्सेस्न वयस्कों को स्वयं की देखभाल करने में कठिनाई का कारण बन सकते हैं।

अब्सेस्न का इलाज

अब्सेस्न का इलाज करने के लिए आमतौर पर मनोचिकित्सा और दवा का उपयोग किया जाता है।

मनोचिकित्सा

मनोचिकित्सा में व्यक्ति को अब्सेस्न और बाध्यकारी व्यवहारों से निपटने के लिए कौशल सीखने में मदद मिलती है। मनोचिकित्सा के कुछ प्रकार जो अब्सेस्न के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं, उनमें शामिल हैं:

  • प्रदर्शन-आधारित चिकित्सा: इस प्रकार की चिकित्सा में व्यक्ति को अब्सेस्न से जुड़े विचारों, भावनाओं या आग्रहों को बिना बाध्यकारी व्यवहार किए सहन करने में मदद मिलती है।
  • विचारों के बीच अंतर करने की शिक्षा: इस प्रकार की चिकित्सा में व्यक्ति को अब्सेस्न विचारों और वास्तविकता के बीच अंतर करने में मदद मिलती है।
  • स्वीकृति और प्रतिबद्धता चिकित्सा: इस प्रकार की चिकित्सा में व्यक्ति को अब्सेस्न और बाध्यकारी व्यवहारों को स्वीकार करने और इससे जुड़े तनाव को कम करने में मदद मिलती है।

दवा

दवाएं अब्सेस्न और बाध्यकारी व्यवहारों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं। अब्सेस्न के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली कुछ दवाओं में शामिल हैं:

  • विरोधी अवसाद दवाएं: ये दवाएं मस्तिष्क में सेरोटोनिन नामक रसायन के स्तर को बढ़ाकर काम करती हैं। सेरोटोनिन का स्तर अब्सेस्न और बाध्यकारी व्यवहारों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
  • विरोधी चिंता दवाएं: ये दवाएं मस्तिष्क में गाबा नामक रसायन के स्तर को बढ़ाकर काम करती हैं। गाबा का स्तर चिंता के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।

अब्सेस्न के इलाज के लिए उपचार का प्रकार और अवधि व्यक्ति के लक्षणों की गंभीरता और अन्य कारकों पर निर्भर करती है।

अब्सेस्न के इलाज के लिए कुछ सुझाव

  • अपने डॉक्टर या मनोचिकित्सक से बात करें: यदि आपको अब्सेस्न के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है। वे आपको आपके लक्षणों के कारण और उपचार के विकल्पों के बारे में जानने में मदद कर सकते हैं।
  • अब्सेस्न और बाध्यकारी व्यवहारों को ट्रिगर करने वाली चीजों से बचें: यदि आप जानते हैं कि कुछ चीजें आपके अब्सेस्न और बाध्यकारी व्यवहारों को ट्रिगर करती हैं, तो उनसे बचने की कोशिश करें। उदाहरण के लिए, यदि आपके अब्सेस्न की शुरुआत तनाव से होती है, तो तनाव को कम करने के तरीके खोजने पर ध्यान दें।
  • स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं: स्वस्थ जीवन शैली अपनाने से अब्सेस्न और बाध्यकारी व्यवहारों के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। इसमें नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार और पर्याप्त नींद शामिल है।
  • समर्थन समूह में शामिल हों: अब्सेस्न और बाध्यकारी व्यवहारों से जूझ रहे अन्य लोगों के साथ बातचीत करने से मदद मिल सकती है। समर्थन समूह आपको अपने अनुभवों को साझा करने और दूसरों से सीखने का अवसर प्रदान कर सकते हैं।

अब्सेस्न एक गंभीर स्थिति हो सकती है, लेकिन इसका इलाज किया जा सकता है। यदि आपको अब्सेस्न के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।

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