Pixel code

Arjun ka paryayvachi shabd

“अर्जुन” शब्द का पर्यायवाची शब्द है “कर्ण”। यह शब्द महाभारत महाकाव्य के प्रमुख पात्री अर्जुन के बड़े साथी और प्रतिद्वंद्वी कर्ण के नाम के रूप में प्रयुक्त होता है। अर्जुन महाभारत के पांडवों में से एक थे और महाभारत युद्ध के महान योद्धा और ब्रह्मा के आवेश से अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान रखने वाले थे। उन्होंने कृष्ण के माध्यम से भगवद गीता के ज्ञान को प्राप्त किया था जिसने उनके मन को निर्णय और कर्तव्य की दिशा में मार्गदर्शन किया। अर्जुन का चरित्र महाभारत के महत्वपूर्ण पात्रों में से एक के रूप में उनके वीरगति की कहानी और युद्ध में उनके महत्वपूर्ण योगदान के कारण अद्वितीय है

Hindi 10

परिचय

“अर्जुन” एक प्रमुख महाभारतीय पात्र है जो महाभारत महाकाव्य के पांडव समूह के पांचों भाई में से एक थे। वे पांडु और कुंती के पुत्र थे और धृतराष्ट्र के 100 पुत्रों के साथ युद्ध के लिए खड़े हुए थे।

कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:

  1. योद्धा और ब्राह्मण: अर्जुन एक श्रेष्ठ योद्धा थे और उनका धनुर्विद्या में अद्वितीय ज्ञान था। वे अपने योद्धा कौशल और उत्तम योद्धा के रूप में प्रसिद्ध थे।
  2. भगवद गीता के प्रमुख पात्र: अर्जुन भगवद गीता के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के साथ युद्ध के प्रति अपने मन की संदेहों को बात चीत करते हैं। गीता में उनके अन्तर्निहित संशयों का समाधान होता है।
  3. धर्म की पालना: अर्जुन एक मानव, नैतिकता, और धर्म के पक्षधर थे। उन्होंने अपने परिवार, धर्म, और न्याय के प्रति वफादारी दिखाई।
  4. वीरता के प्रतीक: अर्जुन युद्धभूमि में उनके वीरता, साहस, और संकल्प के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध हैं।
  5. कृष्ण भक्ति: उनकी विशेष भक्ति भगवान कृष्ण के प्रति थी, और उनकी मार्गदर्शन में वे अपने कर्तव्य का पालन करते रहे।
  6. योग्यता और गुणवत्ता: अर्जुन की योग्यताएँ और गुणवत्ता उन्हें महाभारत युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका देने के लिए कारण थी

पर्यायवाची शब्द

यहाँ पर “अर्जुन” के 25 पर्यायवाची शब्द दिए गए हैं:

  1. कर्ण
  2. फाल्गुण
  3. धनञ्जय
  4. विभत्स
  5. पार्थ
  6. सव्यसाची
  7. जिश्नु
  8. विजय
  9. किरीटिन्
  10. खण्डपरशु
  11. श्वेतवाहन
  12. गुडाकेश
  13. गुदाकेशव
  14. जिगात्सु
  15. धनञ्जयवत्सल
  16. धनञ्जयसुत
  17. कुटीचक्र
  18. पार्थसारथि
  19. जयत्राता
  20. वृषाकपिरूष

Synonyms of Arjun

Here are 20 synonyms for the word “अर्जुन” (Arjun) in English:

  1. Karna
  2. Falgun
  3. Dhananjay
  4. Vibhatsu
  5. Parth
  6. Savyasachi
  7. Jishnu
  8. Vijay
  9. Kiritin
  10. Khanda-Parashu
  11. Shwetavahana
  12. Gudakesh
  13. Gudakeshva
  14. Jigatsuhu
  15. Dhananjayavatsal
  16. Dhananjaysuta
  17. Kootichakra
  18. Parthsarathi
  19. Jayatrata
  20. Vrishakapirusha

अर्जुन शब्दो का वाक्यों में प्रयोग

  1. अर्जुन ने युद्ध के लिए तैयारियाँ की।
  2. भगवद गीता में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिया।
  3. अर्जुन ने पांडवों की सेना का नेतृत्व किया।
  4. अर्जुन ने धनुर्विद्या में अत्यंत माहिर थे।
  5. भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्ध भूमि पर मार्गदर्शन किया।
  6. अर्जुन ने महाभारत युद्ध में वीरता दिखाई।
  7. अर्जुन ने गीता में अपने संशयों को बयां किया और उन्हें दूर किया।
  8. युद्ध में अर्जुन ने अपने शस्त्रों का निरुपम प्रदर्शन किया।
  9. अर्जुन ने कुरुक्षेत्र में धर्म के लिए युद्ध किया।
  10. भगवान कृष्ण ने अर्जुन को जीवन के महत्वपूर्ण सिद्धांतों का उपदेश दिया।

अर्जुन के पर्यायवाची शब्दो के वाक्य में प्रयोग

  1. कर्ण: कर्ण भी महाभारत महाकाव्य में महत्वपूर्ण पात्री थे।
  2. फाल्गुण: अर्जुन को फाल्गुण नाम से भी जाना जाता है जिसका मतलब होता है “फाल्गुनी मास में जन्में व्यक्ति”।
  3. धनञ्जय: धनञ्जय ने युद्धभूमि में अपने धनुष की धरती पर महात्म्य प्रमाणित किया।
  4. विभत्सु: विभत्सु ने युद्ध के प्रति अपनी उत्साहितता दिखाई और सबको प्रेरित किया।
  5. पार्थ: भगवान कृष्ण ने अर्जुन को पार्थ कहकर संबोधित किया था, जो कुंती के पुत्र के रूप में उनकी माता के नाम पर था।
  6. सव्यसाची: अर्जुन के उदार और सव्यसाची व्यक्तित्व ने सभी को प्रभावित किया।
  7. जिश्नु: अर्जुन ने युद्ध के लिए अपनी उत्साहित भावना को “जिश्नु” के रूप में प्रकट किया।
  8. विजय: अर्जुन ने महाभारत युद्ध में अपनी वीरता और साहस से विजय प्राप्त की।
  9. किरीटिन्: अर्जुन का धार्मिक और नैतिक आदर्श उन्हें “किरीटिन्” बनाता है।
  10. खण्डपरशु: युद्ध में अपने खण्डपरशु से अर्जुन ने शत्रुओं को हराया।

अर्जुन से जुडे रोचक तथ्य

  1. भगवद गीता: अर्जुन महाभारत के युद्धभूमि का मुख्य पात्र थे और उनके और भगवान श्रीकृष्ण के बीच हुए संवाद को भगवद गीता के रूप में जाना जाता है
  2. पराक्रमी योद्धा: अर्जुन एक प्रमुख योद्धा थे और महाभारत युद्ध में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
  3. धर्म के पक्षधर: अर्जुन ने धर्म की पालना के लिए युद्ध की थी और उन्होंने अपने आप को धर्म के पक्षधर के रूप में सिद्ध किया।
  4. कृष्ण और अर्जुन का संवाद: भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उनके मार्गदर्शन में बुद्धिमानी, धर्म, और कर्म के विचार किए।
  5. आत्मविश्वास: अर्जुन का आत्मविश्वास उनके योद्धा कौशल और धनुर्विद्या में प्रकट होता था।
  6. पाण्डवों के पांच भाई: अर्जुन पाण्डवों के पांचों भाई में से एक थे और उनके परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य थे।
  7. गीता में उपदेश: भगवद गीता में अर्जुन को उनके महत्वपूर्ण संशयों का समाधान और कर्तव्य की प्रेरणा दी गई।
  8. महाभारत युद्ध: अर्जुन ने महाभारत युद्ध में पांडवों की सेना का नेतृत्व किया और महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  9. उपदेशक: अर्जुन ने गीता में अपने मानवता, धर्म, और कर्म के विचारों से सभी को शिक्षा दी।
  10. धनुर्विद्या के ज्ञाता: अर्जुन को धनुर्विद्या के ज्ञान के लिए प्रसिद्ध किया गया है और उन्होंने अपने योद्धा कौशल का प्रदर्शन किया

अ से शुरू होने वाले अन्य पर्यायवाची शब्द

  1. आदर: आदर से किसी की मान, सम्मान और श्रद्धा दिखाने का अभिवादन किया जाता है।
  2. आवश्यक: जो आवश्यक हो, बिना उसके कोई काम नहीं हो सकता।
  3. आश्रय: आश्रय स्थान, सहारा या सहाय्य देने का कार्य करने के लिए किया जाता है।
  4. आकार: किसी वस्तु की आकृति, रूप या आकार के बारे में होता है।
  5. आकर्षण: किसी व्यक्ति, वस्तु या विचार को खींचने वाला शक्ति या गुण।
  6. आत्मा: एक जीवात्मा की अंतरात्मा, व्यक्ति की सच्ची पहचान।
  7. आदेश: आदेश देने का अधिकार या कार्य, किसी को कुछ करने के लिए कहना।
  8. आवृत्ति: कोई विशिष्ट प्रकार का गति या चलन, आक्रमण की प्रक्रिया।
  9. आक्रोश: उच्छाटन, क्रोध या गुस्से का प्रकटीकरण।
  10. आलस्य: सुस्ती, सुस्तीपन, काम में उदासीनता दिखाने का गुण।

उदाहरण

पर्यायवाची शब्द वाक्य उदाहरण विवरण
कर्ण कर्ण ने युद्ध में महारथी का काम किया। “कर्ण” एक और प्रमुख पात्री थे जो महाभारत में आवतरित हुए थे।
फाल्गुण फाल्गुण ने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया। “फाल्गुण” अर्जुन के एक और नामों में से एक है जिसका अर्थ होता है “फाल्गुनी मास में जन्में व्यक्ति”।
धनञ्जय धनञ्जय ने कुरुक्षेत्र में युद्ध किया। “धनञ्जय” अर्जुन के एक और प्रसिद्ध नामों में से एक है, जिसका अर्थ होता है “धन के प्राप्तकर्ता”।
विभत्सु विभत्सु ने युद्धभूमि में अपनी वीरता दिखाई। “विभत्सु” अर्जुन के गुणों को दर्शाता है, जिनमें उनकी वीरता और साहस शामिल है।
पार्थ पार्थ ने महाभारत युद्ध में अपने कर्तव्य का पालन किया। “पार्थ” अर्जुन के एक और नामों में से एक है, जो उनकी माता के नाम पर आवतरित होता है।
सव्यसाची सव्यसाची के बल से अर्जुन ने वीरता दिखाया। “सव्यसाची” अर्जुन की योद्धा कौशलता को दर्शाता है, जिनसे उन्होंने धनुर्विद्या का उत्कृष्ट अभ्यास किया था।
धनंजय धनंजय ने महाभारत युद्ध में अपनी उदारता दिखाई। “धनंजय” अर्जुन के पराक्रमी और उदार नवरसों को दर्शाता है।
विजय विजय के बाद अर्जुन ने धर्मयुद्ध का संकल्प लिया। “विजय” अर्जुन की विजयी भावना और संकल्प को दर्शाता है।
जितेन्द्रिय जितेन्द्रिय अर्जुन ने युद्ध में मनोबल को बनाये रखा। “जितेन्द्रिय” अर्जुन की सेना में नियंत्रित इंद्रियों को दर्शाता है।
विराट विराट युद्ध में अर्जुन ने पांडवों की सेना का नेतृत्व किया। “विराट” अर्जुन

FAQs

अर्जुन के पर्यायवाची शब्द हैं “कर्ण”, “फाल्गुण”, “धनञ्जय”, “विभत्सु”, “पार्थ”, “सव्यसाची”, “धनंजय”, “विजय”, “जितेन्द्रिय”, और “विराट”।

अर्जुन महाभारत युद्ध के महान योद्धा और पांडवों के पांडु राजा के पुत्र थे।

अर्जुन की प्रमुख वीरता महाभारत के कुरुक्षेत्र युद्ध में दिखती है, जब उन्होंने भगवद गीता के द्वारा कौरवों के खिलाफ युद्ध का संकल्प लिया।

भगवद गीता में अर्जुन अपने संदेहों और उदासीनता के बीच भगवान कृष्ण के साथ युद्ध के धर्म को समझने के लिए संवाद करते हैं, जिससे भगवद गीता का उत्त्कृष्ट उपदेश प्रकट होता है।

Most Popular Article's

Career Counselling & Services

Psychometric Tests:

21st Century Skills & Learning Test: