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Ravan ka Paryayvachi Shabd

“रावण” शब्द का पर्यायवाची शब्द(Ravan ka Paryayvachi Shabd) है “दशानन”। यह संस्कृत महाकाव्य रामायण में विशेष महत्व रखने वाले पात्रों में से एक है। रावण लंकापति थे और उनकी दस सिरों वाली रूपवती राक्षसी सूर्पणखा थी। वे विद्या, तपस्या और सामर्थ्य में महान थे, परंतु उनकी अहंकार ने उन्हें अधर्मी और दुराचारी बना दिया। रावण ने माता सीता का हरण कर राम और लक्ष्मण के साथ युद्ध किया, जिससे यहाँ तक कि रामायण के युद्ध क्षेत्र का नाम “लंका” पड़ा। उनकी उपासना के कुछ स्थानों पर रावण को भी देवी-देवताओं का आदर करने वाला दिखाया गया है, परंतु उनके दुराचारों के कारण वे राक्षसों के राजा के रूप में चित्रित होते हैं। रावण का चरित्र मनुष्य के अहंकार और दुराचार के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे हमें यह सिखने को मिलता है कि नेतृत्व और शक्ति का सही उपयोग करना कितना महत्वपूर्ण है

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परिचय

रावण एक प्रसिद्ध पात्र, जिन्हें संस्कृत महाकाव्य ‘रामायण‘ में विशेष महत्व दिया गया है। वे दानवराज और लंकापति थे जिनकी दस सिरों वाली रूपवती बहन रूपणक्खा भी थी। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की चर्चा की जाएगी जो रावण के चरित्र को समझने में मदद करेंगे:

  1. पाण्डित्य और तपस्या का संग्रहण: रावण एक बड़े पाण्डित और तपस्वी थे। उन्होंने ब्रह्मा से ब्रह्मास्त्र का वरदान प्राप्त किया था और उनकी विद्या और तपस्या ने उन्हें अत्यधिक शक्तिशाली बनाया।
  2. अहंकार की अद्यतन: रावण का मुख्य दोष था उनका अहंकार और दर्प। वे अपनी शक्तियों में इतने मग्न थे कि उन्हें अपने कार्यों की उच्चता का आभास नहीं था, जिसने उन्हें अधर्मी बना दिया।
  3. सीता हरण: रावण ने माता सीता का हरण किया और उन्हें अपने लंका में ले गए। इस क्रिया ने रावण की दुराचारी और अनैतिकता को प्रकट किया, जिससे उन्होंने राम और लक्ष्मण के साथ महायुद्ध किया।
  4. राजनैतिक दक्षता: रावण एक कुशल राजनीतिज्ञ भी थे, उन्होंने अपने राज्य को बढ़ावा दिया और उसकी विकास में योगदान दिया।
  5. श्राद्ध्य की उपासना: रावण के कुछ स्थानों पर श्राद्ध्य पूजा की उपासना की जाती है, जिससे वे देवताओं का आदर करने वाले प्रतीत होते हैं

पर्यायवाची शब्द

रावण का पर्यायवाची शब्दसमानार्थी शब्द (अंग्रेजी)
दशाननTen-headed
दासाननRavana
महापापीGreat sinner
दुर्योधनDuryodhana
असुरDemon
लंकेशLord of Lanka
लंकापतिKing of Lanka
सुरप्रभःFoe of the Gods
रावणनाथLord of Ravana
राक्षसेश्वरChief of demons
शूरपणखानन्दनSlayer of Shurpanakha
विभीषणात्मजBrother of Vibhishana
कुबेरास्य सुतSon of Kubera
नरेश्वरKing of men
दुर्विवाहBad marriage
सीताहरणAbduction of Sita
आसुरीDemonic
विराधकEnemy of Virtue
नाराधीशSlayer of Narakasura
महात्माGreat soul

रावण शब्दो का वाक्यों में प्रयोग

  1. राम ने रावण को वध कर दिया और लंका को मुक्ति दिलाई।
  2. रावण ने सीता माता का अपहरण करके उन्हें लंका ले गए।
  3. विभीषण ने धर्म की पालन करते हुए रावण के खिलाफ खड़ा हो गया।
  4. रावण ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके अहंकार में डूबा दिया।
  5. रामायण में रावण का चरित्र अधर्मपरायणता का उदाहरण है।
  6. रावण ने विश्वविद्यालय की शिक्षा प्राप्त करके बड़ी पंडित बन गए थे।
  7. रावण ने अपने दस सिरों के रूप में अत्यधिक शक्ति प्राप्त की थी।

रावण के पर्यायवाची शब्दो के वाक्य में प्रयोग

  1. दासानन: दासानन के बलपूर्वक राम ने उनका वध किया और लंका को मुक्ति दिलाई।
  2. महापापी: उनके द्वारा किए गए अत्यंत पाप कार्यों ने उन्हें महापापी बना दिया।
  3. दुर्योधन: जैसे दुर्योधन ने धर्म के खिलाफ खड़े होकर कौरवों के प्रमुख बने, वैसे ही रावण ने अधर्म की ओर अग्रसर होते चले गए।
  4. असुर: रावण को असुर शब्द से जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है दानव या राक्षस।
  5. लंकेश: रावण को लंकेश यानी लंका के राजा के रूप में पुकारा जाता था।
  6. लंकापति: रावण ने अपनी शक्तियों से लंका का राजा बनाया 

रावण से जुडे रोचक तथ्य

  1. रावण की विद्या: रावण को दशानन के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है ‘दस सिरों वाला’। उन्होंने ब्रह्मा से ब्रह्मास्त्र की अद्वितीय विद्या प्राप्त की थी।
  2. लंका की संरचना: रावण ने अपनी शक्तिशाली विद्या का प्रयोग करके लंका नामक सुंदर नगर की संरचना की थी, जिसे विशेष रूप से नागरीजीवन की अद्वितीयता के लिए प्रसिद्ध किया गया है।
  3. राक्षस राजवंश: रावण का परिवार राक्षस राजवंश से संबंधित था, जिसमें उनके पिता का नाम विश्रवा और बहनों में सीता के हरण के लिए प्रसिद्ध सूर्पणखा शामिल थी।
  4. दशहरा का महत्व: रावण का वध भगवान राम द्वारा किया गया था, और यह घटना विजयादशमी या दशहरा के रूप में मनाई जाती है। यह उत्तर भारतीय सांस्कृतिक पर्व है जिसमें भगवान राम की विजय का प्रतीक है।
  5. रावण और सीता: रावण ने सीता का हरण करके राम के प्रति अपमान किया था। यह घटना रामायण की महत्वपूर्ण प्लॉट है और उसके बाद राम ने लंका विजय प्राप्त की।
  6. रावण की तीन पत्नियाँ: रावण की तीन पत्नियाँ थीं – मंदोदरी, धन्यकुशा और केकसी। मंदोदरी उनकी प्रमुख पत्नी थी जिन्हें वे बहुत प्रेम करते थे।
  7. रावण का ब्रह्मास्त्र: रावण के पास ब्रह्मास्त्र की विशेष विद्या थी, जो उन्हें अत्यधिक शक्तिशाली बनाती थी।
  8. रावण की बुद्धि: रावण के प्राकृतिक बुद्धि के कारण उन्होंने अपने सिरों की संख्या को बढ़ा दिया था, जो उनकी विद्या और बुद्धि का प्रतीक बन गए।
  9. रावण की तलवार शक्ति: रावण की विशेषता में से एक यह थी कि उनकी तलवार निकलते ही दुर्भेदीय बन जाती थी, जिसका अर्थ होता है कि उसकी तलवार को कोई भी नहीं रोक सकता था।
  10. रावण का मृत्युलेखक: रावण एक कुशल विद्यालयकर्ता और कलाकार भी थे, और उन्हें देवनागरी लिपि के विकासकर्ता के रूप में भी माना जाता है

रावण नाम की उत्पत्ति कैसे हुई

रावण नाम की उत्पत्ति संस्कृत शब्द “रव” से होती है, जिसका अर्थ होता है “रोशनी” या “सूर्य”। इस शब्द का उपयोग संस्कृत में सूर्य को संकेतित करने के लिए किया जाता है। रावण का नाम उनके पिता के नाम विश्रवा के राजा के रूप में होता है, जिन्हें किस्किंधा पर्व के अनुसार एक विद्यालयकर्ता माना जाता है। इस प्रकार, रावण का नाम उनके पिता के गुणों को दर्शाता है जो विद्या, बुद्धि और ज्ञान में विशेष थे। रावण ने अपने विशेष विद्या और शक्तियों का दुरुपयोग करके अहंकार में डूबकर अपने परिवार और समाज को भयानक परिणामों का सामना करना पड़ा

रावण का जन्म कैसे हुआ

रावण का जन्म राक्षस राज विश्रवा और देवी कौशल्या के बीच हुआ था। रावण एक विश्रावण क्षत्रिय और देवी कौशल्या का पुत्र था, लेकिन विशेषता से उनके पिता विश्रवा को ब्रह्मा ऋषि का पुत्र माना गया है। इसका मतलब होता है कि रावण का पिता ब्रह्मा ऋषि के वंशज में आता है।

आपको जानकर आनंद होगा कि रावण के जन्म से पहले देवी कौशल्या को माता सीता का आदिकाव्य ‘आदिकवि बालकाण्ड’ की शक्ति की वरदान मिली थी, जिसके कारण ही उनके पुत्र का नाम ‘रावण’ रखा गया था।

रावण का जन्म लंका के राजगढ़ में हुआ था और उन्होंने अपनी ब्रह्मज्ञान, विद्या और शक्तियों का दुरुपयोग करके विशाल राज्य की स्थापना की थी।

र से शुरू होने वाले अन्य पर्यायवाची शब्द

  1. रचना: रचना एक निर्माण या तैयारी के प्रक्रिया को दर्शाने वाला शब्द है, जैसे कि किसी कविता, निबंध, गाना आदि की रचना।
  2. रुचि: रुचि एक विशेष आकर्षण या पसंद को दर्शाता है, जैसे कि किसी विषय में रुचि रखना।
  3. रचनात्मक: रचनात्मक एक नए और आविष्कृत कार्य को संकेत करता है, जैसे कि किसी शिल्प, कला, या साहित्यिक काम में नवाचार करना।
  4. रुचिकरण: रुचिकरण किसी वस्तु या प्रदर्शन को आकर्षक या सुंदर बनाने की प्रक्रिया को दर्शाता है, जैसे कि भोजन का रुचिकरण।
  5. रजत: रजत चांदी से बना हुआ एक प्रकार का धातु होता है, जिसका उपयोग आभूषणों, सिक्कों, और दूसरे उद्योगों में होता है।
  6. रोचक: रोचक एक आकर्षण या रुचि को दर्शाता है, जैसे कि किसी घटना, कहानी, या जानकारी को रोचक मानना।
  7. राज्य: राज्य एक स्थान को सूचित करता है जिसमें शासकीय प्रबंधन और सत्ता का प्रबंधन होता है।
  8. रुख: रुख एक पेड़ के ऊपर की ओर की दिशा को दर्शाता है, जैसे कि उसकी ग्रीष्मकालीन या बरसाती दिशा।
  9. रंगी: रंगी एक प्रकार की मछली को सूचित करता है, जिसके पास विविध रंग होते हैं।
  10. रहस्य: रहस्य एक गहरे और अनजाने पक्ष को दर्शाता है, जैसे कि कोई जानकारी जो छिपी हो और सिर्फ कुछ लोगों को ही पता हो

उदाहरण

प्राथमिक शब्दपर्यायवाची शब्दवाक्य में प्रयोग
रावणदशानन, दशकंधररावण ने सीता को हरण किया था।
राजामहाराज, शाहउस समय का राजा बहुत समृद्ध था।
दुश्मनशत्रु, वैरीरावण भगवान राम के दुश्मन थे।
बलिमहाबल, प्रहारीबलि ने सुग्रीव के साथ युद्ध किया था।
आक्रोशक्रोध, रोषउसका आक्रोश देखकर सब डर गए।
विनाशपराजय, हानिअहंकार का परिणाम विनाश होता है।
संहारविनाश, नाशभगवान शिव का तांडव नामक संहार रूप महत्वपूर्ण है।
अधमदुर्जन, कुकर्मीउसने अपने अधम कामों के कारण दंड पाया।
दुर्बलकमजोर, अशक्तवे दुर्बल स्थिति में थे और सहायता की आवश्यकता थी।
अभिमानगर्व, अभिमानितउसका अभिमान उसकी प्रगति को रोक रहा था।
दृढ़पक्का, सुदृढ़वह अपने दृढ़ निश्चय के साथ काम कर रहा था।
आत्मविश्वासआत्मनिर्भरता, आत्मसमर्पणसफलता पाने के लिए आत्मविश्वास महत्वपूर्ण होता है।
अंधविश्वासदुर्बुद्धि, मिथ्या विश्वासअंधविश्वास से बचने के लिए शिक्षा की आवश्यकता होती है।
अवगुणदोष, कमीउसके अवगुणों के कारण उसकी प्रशंसा नहीं हो सकती।
विरोधीशत्रु, द्वेषीउसके विरोधी उसके कदमों को रोकने की कोशिश कर रहे थे।

FAQs

रावण के पर्यायवाची शब्द में से कुछ हैं: दशानन, दशकंधर, लंकेश, विराध, रावणन्तक आदि

रावण भारतीय महाकाव्य ‘रामायण’ के अनुसार एक प्रमुख राक्षसी पात्र थे। वे लंकापति और सीता का हरण करने वाले राक्षस राजा थे। रावण की कहानी मनवादी गुणों के उत्कृष्टता और दुर्योधन के समर्थन में उनकी असफलता के कारण महत्वपूर्ण है।

भगवान राम ने अपने भक्त हनुमान के माध्यम से रावण के लंकापुरी में पहुँचकर उन्हें युद्ध में मार डाला। रावण की मृत्यु भगवान राम के द्वारा हुई और उन्होंने धर्म की रक्षा की।

रावण को दशकंधर के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उनके दस सिर थे। वे एक ब्रह्मवेदी और ब्रह्मविद्या के ज्ञाता थे। हालांकि उन्होंने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके अहंकार में डूबकर अन्याय किया और बुराई की ओर जा लिया।

रावण की कहानी मुख्य रूप से हिन्दू धर्म के प्रमुख धार्मिक ग्रंथों में मिलती है, जैसे कि ‘रामायण’ और ‘महाभारत’। इन ग्रंथों में रावण का पात्र महत्वपूर्ण रूप से प्रस्तुत किया गया है।

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