बी.टेक जिसका पूरा अर्थ “बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी” है, चार वर्षों का एक प्रोफेशनल कोर्स होता है । बारहवीं कक्षा में साइंस स्ट्रीम से उत्तीर्ण होने के पश्चात ही ये कोर्स किया जाता है।यदि सहज भाषा में समझे तो यह एक अंडरग्रैजुएट एकेडमिक इंजनियरिंग डिग्री कोर्स है और जो छात्र इंजिनियर बनने के इच्छुक है वो यह कोर्स करने की जिज्ञासा रखते है।इस कोर्स को पूरा करने में ४ साल का समय लगता है।
भारत में इंजीनियरिंग पॉपुलर कैरियर विकल्पों में से एक है।हर साल लाखों बच्चे बी.टेक करने के लिए एडमिशन की कोशिश करते है जिसकी वजह से अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा होती है। ऐसे में जो छात्र अच्छे संस्थानों से बी. टेक करना चाहते हो,उन्हें इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में अच्छे अंक लाना अनिवार्य है।हर साल लगभग ग्यारह लाख छात्र प्रवेश परीक्षा देते है। जेईई मेंस, जेईई एडवांस, इत्यादि बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम पर आधारित होते हैं।
आखिर इस फील्ड में इतनी प्रतिस्पर्धा क्यों है?और इस कोर्स को करने के क्या फायदे है, आइए विस्तार से समझते हैं।
–> प्रोफेशनल कोर्स:
एक प्रोफेशनल कोर्स होने की वजह से यह एक बेहतर कैरियर विकल्प है। कोर्स की समाप्ति के बाद छात्रों को प्राइवेट सेक्टर में नौकरी मिल जाती है, और उन्हें इसके लिए कहीं जाना नहीं पड़ता, अनेक कंपनियां कॉलेज कैंपस में आती है, और छात्रों का चयन करके उन्हें एक अच्छी नौकरी का प्रस्ताव देती है। इसलिए दिन प्रतिदिन, युवाओं में इस कोर्स को करने की इच्छा बढ़ती जा रही है जिसमे उन्हें अपने अभिभावक और अपने शिक्षकों का भरपूर साथ मिलता है।
–> एक बेहतर विकल्प:
बाकी सभी कोर्स में से बी.टेक सबसे बेहतर कैरियर विकल्प है। जो छात्र इस कोर्स को करने के बाद आगे पढ़ने की इच्छा रखते है, उनके लिए भी यह कोर्स एक बेहतर चुनाव है।बच्चे इस कोर्स के बाद अपने आगे की पढ़ाई जैसे – ऐम.बी.ए, ऐम.टेक आदि में भी कर सकते है और कोई भी कॉम्पटीशन एग्जाम देने के योग्य हो सकते है।साफ शब्दों में यदि कहा जाए तो इस कोर्स को करने के बाद विकल्पों के द्वार खुल जाते है।
–> अभ्यासों में जोर:
यह एक ऐसा कोर्स है जहां तथ्यों से ज्यादा अभ्यासों में जोर दिया जाता है ताकि बच्चों को चीज़ों का अभ्यासिक ज्ञान हो सके।यहां जो भी पढ़ाया जाता है उसका प्रयागिक अध्ययन भी आवश्यक होता है जिसमे छात्र को कार्य करने का अनुभव प्राप्त हो सके। भौतिकी, रासायनिक आदि विषयों से जुड़े तथ्यों पर लैब में इसकी जानकारी दी जाती है।
–>आत्म-समायोजन:
पूरे चार वर्षो का लंबा कोर्स होने की वजह से छात्रों में आत्म समायोजन की समीकरण लागू हो जाती है जिससे छात्र स्वयं को किसी भी परिस्थिति में ढालने की क्षमता रखते हैं। अपने आप को किसी भी वातावरण के अनुकूल वो प्रस्तुत कर सकते है और बेहतर अनुभव से परिणाम ढूंढ रखने का सामर्थ्य रखते है।
–>प्रतिभा के धनी:
इंजीनियरिंग के छात्रों की बात ही अलग होती है, जो भी यह कोर्स करता है, चार वर्षो में पढ़ाई के अलावा अन्य प्रतिभा भी विकसित हो जाती है। अन्य प्रतिभा को विकसित करने के लिए विभिन्न तरह के क्लब्स होते है,छात्र अपने रुचि को देखकर क्लब्स को चुनते है और पढ़ाई के अलावा अतिरिक्त योग्यता को निखारते है। म्यूजिक,डांस,खेल आदि में अपनी प्रतिभा दिखाने का विकल्प रखते हैं।
–>अच्छी प्रेजेंटेशन स्किल्स:
बी.टेक में छात्र समय समय पर प्रेजेंटेशन अपने सभी शिक्षकों के समक्ष प्रस्तुत करते रहते हैं,जिससे उन्हें काफी अच्छा अनुभव हासिल हो जाता है और अपने स्किल्स को निखार पाते हैं। चाहे वो कोई प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन हो, या कोई विषय का वो अपने आवाज़ से,आत्म विश्वास से , अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स से प्रेजेंटेशन में निपुणता प्राप्त कर लेते हैं।
–>अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स:
अच्छे प्रेजेंटेशन स्किल्स में अच्छे कम्युनिकेशन स्किल्स की बहुत आवश्यकता होती है,और एक प्रोफेशनल कोर्स होने की वजह से अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स का होना अनिवार्य है।प्लेसमेंट में बैठने से पहले सभी को अच्छे से इसके बारे में जानकारी दी जाती है,ताकि नौकरी प्राप्त करने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो।
–>कॉम्पटीशन एग्जाम की तैयारी:
बहुत से कॉलेजों में तरह तरह के कॉम्पटीशन एग्जाम की तैयारी करवाई जाती है, ताकि छात्रों में अलग से इसका अतिरिक्त बोझ ना पड़े।कॉम्पटीशन एग्जाम के सिलेबस को ध्यान में रखते हुए उसी प्रकार के स्टडी मटेरियल और पाठ्य पढ़ाया जाता है। उदहारण के तौर में एप्टीट्यूड,रीजनिंग आदि की तैयारी करवाई जाती है।
–>रिसर्च में रुचि:
विज्ञान और रिसर्च एक दूसरे के पूरक माने जाते हैं, और बी.टेक के अंत तक प्रोजेक्ट करने के साथ साथ छात्रों में रिसर्च में भी रुचि होने लगती है जिससे वो साधन का सही उपयोग करके नए नए चीज़ों और उनके तथ्यों के बारे में पढ़ाई करना शुरू कर देते हैं।
–>विदेशों में नौकरी और पढ़ाई के मौके:
जिन बच्चों को भारत से बाहर जाकर पढ़ाई और नौकरी करने की इच्छा होती है, वो पहले से ही इस कोर्स को करने की ठान लेते है।बड़े बड़े कंपनियां जैसे गूगल,माइक्रोसॉफ्ट आदि में नौकरी करने का सुनहरा अवसर यहां मिल जाता है,और छात्र अपने लक्ष्य प्राप्त करने हेतु इसकी तैयारी पहले से ही करना शुरू कर देते है।
निष्कर्ष:
बी.टेक कोर्स करने के फायदे अनेक है और यही कारण है कि आजकल इसमें बच्चे अधिक से अधिक रुचि दिखा रहे हैं।इस कोर्स में अपने कौशल,योग्यता,निपुणता को निखारने का सुगम अवसर मिलता है। इंजीनियरिंग में बच्चे जो कुछ भी सीखते है उसका यही उद्देश्य रहता है कि वो समाज में अपना योगदान दे, समाज की भलाई के लिए आविष्कार करे और जीवन को सुगम बनाने का अवसर प्रदान करे।