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Ahankar ka paryayvachi shabd

अहंकार का पर्यायवाची शब्द ‘घमंड’, ‘दर्प’, ‘गर्व’, ‘अभिमान’ आदि हो सकते हैं। ये सभी शब्द व्यक्ति की आत्म-महत्वाकांक्षा और उनके अपने कौशल और गुणों पर आधारित होते हैं। ‘घमंड’ शब्द व्यक्ति की स्वयं की महत्वाकांक्षा को जाहिर करता है जबकि ‘दर्प’ शब्द उनकी उच्चाधिकारी भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। ‘गर्व’ शब्द व्यक्ति के उपलब्धियों पर आधारित होता है जबकि ‘अभिमान’ शब्द उनकी स्वतंत्रता और विशेषता की भावना को दर्शाता है। ये सभी पर्यायवाची शब्द अहंकार की विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट करते हैं और उसके साथ-साथ उसके परिणामों को भी दर्शाते हैं

का पर्यायवाची शब्द (1)

अहंकार का अर्थ

अहंकार का अर्थ होता है व्यक्ति की अपने आप में अत्यधिक महत्वाकांक्षा और उनके आत्म-महत्व की अधिकता। यह एक मानसिक अवस्था होती है जिसमें व्यक्ति अपने आप को अपने गुणों, योग्यताओं और उपलब्धियों के कारण अत्यधिक महत्वपूर्ण मानता है और उन्हें अन्य लोगों से उच्चतम मानकर देखता है।

अहंकार के कारण व्यक्ति में अकेले रहने की प्रवृत्ति हो सकती है और वे अपने विचारों में ही सही मानने की प्रवृत्ति विकसित कर सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, वे सम्प्रेषणों और सलाह की ओर अनदेखी रहते हैं और अक्सर अन्य लोगों की रायों को नजरअंदाज करते हैं।

अहंकार एक सकारात्मक या नकारात्मक भावना हो सकती है, आवश्यकतानुसार। सकारात्मक अहंकार में, व्यक्ति अपने योग्यताओं को स्वीकार करता है और आत्म-समर्पण के साथ समान व्यक्तियों के साथ मिलकर काम करता है। विपरीत, नकारात्मक अहंकार में, व्यक्ति अपनी गर्वितता में डूबा रहता है और अन्यों की समीक्षा और सलाह को अनदेखता है।

यहाँ कुछ “अहंकार” के महत्वपूर्ण पॉइंट्स हैं:

  1. स्व-महत्व: अहंकार एक व्यक्ति की अत्यधिक स्व-महत्व भावना को सूचित करता है, जिसमें व्यक्ति अपने आप को दूसरों से अधिक महत्वपूर्ण और श्रेष्ठ मानता है।
  2. पहचान की आसक्ति: इसमें अपने खुद की पहचान, प्राप्तियों, और क्षमताओं के प्रति मजबूत आसक्ति शामिल होती है, जो अक्सर व्यक्ति को केवल इन कारकों द्वारा परिभाषित करने की प्रवृत्ति दिखाती है।
  3. तुलना और उत्कृष्टता: अहंकार आमतौर पर दूसरों से तुलना करने और मानने का बाध्यक वाक्यिक अंश होता है, जिससे व्यक्ति को उच्चतमता की भावना और अन्य व्यक्तियों को छोटा करने की प्रवृत्ति हो सकती है।
  4. प्रतिक्रिया से संघटन: अधिक अहंकार वाले व्यक्तियों का विचार हो सकता है कि वे प्रतिक्रिया या प्रतिसाद स्वीकार करने में संकोच करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका दृष्टिकोण सही और उच्च है।
  5. अलगाव: अधिक अहंकार से यह हो सकता है कि व्यक्तियों को अपने आप को अलग करने की प्रवृत्ति हो जाए, क्योंकि वे अपने विचारों के साथ काम करने में खुले नहीं हो सकते।
  6. अंधाधुंध स्थान: यह व्यक्तियों को अपनी दुर्बलियों या गलतियों को अनदेखा करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है, जिससे उनके व्यक्तिगत विकास और सुधार की राह रुक जाती है।
  7. फूली हुई आत्मा-तस्वीर: अहंकार व्यक्तियों की आत्म-तस्वीर को फूलाने की ओर जाता है, जिनमें वे अपनी क्षमताओं और प्राप्तियों को बढ़ावा देने के लिए अत्यधिक संख्या में बढ़ावा देते हैं।

पर्यायवाची शब्द

यहाँ ‘अहंकार’ के 30 पर्यायवाची शब्द हैं:

  1. दर्प
  2. घमंड
  3. अभिमान
  4. उद्दंडता
  5. अंगमोह
  6. मान
  7. गर्व
  8. ग़ुरूर
  9. मन
  10. स्वाभिमान
  11. आत्मविश्वास
  12. उन्नति
  13. स्वयंमान
  14. अवज्ञा
  15. विमोह
  16. दंभ
  17. स्वाभिमान
  18. मतिमान
  19. प्रमाणितता
  20. प्रातिस्था
  21. शब्दविषयता
  22. उच्चता
  23. उदारता
  24. विशेषता
  25. उत्तमता
  26. स्वार्थ
  27. प्रतिष्ठा
  28. स्वामित्व
  29. उत्तरदायित्व
  30. प्रतिक्षेप

Synonyms of Ahankar

  1. Pride
  2. Vanity
  3. Ego
  4. Self-importance
  5. Arrogance
  6. Conceit
  7. Hubris
  8. Self-esteem
  9. Self-worth
  10. Self-centeredness
  11. Superiority
  12. Self-love
  13. Narcissism
  14. Self-conceit
  15. Self-admiration
  16. Self-obsession
  17. Self-regard
  18. Self-glory
  19. Self-assumption
  20. Self-preoccupation

अहंकार शब्द का वाक्य में प्रयोग

  1. उसका अहंकार उसे समझने से बाधित करता है, जिसके कारण वह अनजान रहता है।
  2. उनका अहंकार उनके सफलता के पीछे की कठिनाइयों को नजरअंदाज कर देता है।
  3. उसका अहंकार उसके संबंधों में दूरी पैदा कर दिया, क्योंकि उसने सबको नीचा देखना शुरू कर दिया।
  4. उनका अहंकार उन्हें सिर्फ अपनी बातों की ही सुनने की आदत देता है, उनकी कोई भी राय स्वीकार नहीं होती।
  5. उसका अहंकार उसे उनके दोस्तों के साथ बिगड़ने से नहीं रोकता है, जिससे उनके बीच मतभेद होते रहते हैं।

अहंकार के पर्यायवाची शब्दो का वाक्य में प्रयोग

  1. दर्प: उसका दर्प उसके सफलता में दिख रहा था, लेकिन वह अकेले रह गया क्योंकि उसने दुसरों की मदद को अस्वीकार किया।
  2. घमंड: उसका घमंड उसके अच्छे कर्मों के बजाय उसके आस-पास के लोगों की बुराई को देखने में ही था।
  3. अभिमान: उसका अभिमान उसके कठिनाइयों की वजह से बढ़ गया, और उसने अपनी मदद के लिए किसी से सहायता नहीं मांगी।
  4. उद्दंडता: उसकी उद्दंडता की वजह से उसके साथी उसके साथ काम करने से इनकार कर दिए, क्योंकि उसके मानोबल की प्रशंसा करना था।
  5. अंगमोह: उसका अंगमोह उसे अपनी प्राप्तियों में इतना डूबा दिया कि वह अपनी गलतियों को नहीं मान पाया।
  6. मान: उसका मान उसकी सफलता से नहीं बढ़ा, बल्कि वह उसे दुसरों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया।
  7. गर्व: उसका गर्व उसकी मेहनती प्रयासों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, और वह हमेशा सीखने की तैयारी में रहता है।

अहंकार से जुडे राचक तथ्य

  1. अहंकार की दो प्रकार: अहंकार को सकारात्मक और नकारात्मक दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है। सकारात्मक अहंकार में व्यक्ति अपने योग्यताओं को स्वीकार करता है, जबकि नकारात्मक अहंकार में उसका आत्म-महत्व अत्यधिक होता है और वह अन्य लोगों को नीचा देखता है।
  2. सिंधु गुप्त कला में अहंकार: भारतीय इतिहास में, सिंधु गुप्त सम्राट की चित्रित कला में उनके अहंकार को दर्शाने वाली चित्रित वस्त्रें और आभूषण पाई जाती हैं।
  3. अहंकार और विद्या: विद्या और ज्ञान का प्राप्ति करने के बाद भी, अहंकार का बढ़ जाना एक आम दृश्य है। यह बताता है कि ज्ञान के पास भी अहंकार के प्रति आकर्षण हो सकता है।
  4. आत्म-समर्पण की कमी: अहंकार के आधिक्य के बावजूद, व्यक्ति अपने असफलता को आत्म-समर्पण की कमी के कारण नहीं मान सकता है।
  5. अहंकार के सांस्कृतिक प्रभाव: विभिन्न सांस्कृतिक मान्यताओं में, अहंकार को नकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाता है और यह मानव विकास की प्रतिबंधक हो सकता है।
  6. धार्मिक दृष्टिकोण: अहंकार को हिन्दू धर्म में अज्ञानता की मान्यता की जाती है, क्योंकि यह व्यक्ति को अपने स्वरूप और आत्मा की सही समझ से दूर ले जाता है।
  7. आत्म-प्रतिष्ठा का महत्व: सही रूप में स्थापित की गई आत्म-प्रतिष्ठा अहंकार से अलग होती है और व्यक्ति को संतुलित रूप से अपनी महत्वाकांक्षा को सांजोने में मदद करती है

अ से शुरू होने वाले अन्य पर्यायवाची शब्द

  1. आत्मा: यह एक सांस्कृतिक और दार्शनिक शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘आत्मा’ या ‘जीवात्मा’। यह आध्यात्मिक अवधारणाओं में उपयोग होता है जो व्यक्ति के आंतरिक स्वरूप को दर्शाने का प्रयास करते हैं।
  2. अद्वितीय: यह शब्द ‘अनूठा’, ‘अद्वितीय’ या ‘अद्वय’ का सिंगलर रूप है। यह दिखाता है कि कोई वस्तु, व्यक्ति या विचार अन्य किसी से अलग और अद्वितीय है।
  3. अकेला: यह शब्द ‘एकल’ या ‘अकेला’ का पर्यायवाची है और दर्शाता है कि कोई व्यक्ति या वस्तु एक ही है या एकल होने की स्थिति में है।
  4. अविश्वास: यह शब्द ‘अविश्वास’ या ‘अनविश्वास’ का पर्यायवाची है, जिसका अर्थ होता है किसी विशिष्ट विचार, व्यक्ति या परिस्थिति के प्रति आपत्ति या विश्वासहीनता होना।
  5. अरूढ़: यह शब्द ‘ऊपर’, ‘उठा हुआ’ या ‘अरूढ़’ की स्थिति को दर्शाता है, जैसे कि कोई व्यक्ति या वाहन कुछ ऊपर की दिशा में है।
  6. आत्मविश्वास: यह शब्द ‘स्वाभिमान’, ‘स्वात्मविश्वास’ या ‘आत्मप्रतिष्ठा’ के रूप में प्रयोग होता है, जिससे दर्शाया जाता है कि कोई व्यक्ति आत्मा में विश्वास रखता है और अपने कौशलों का परिचय देता है

उदाहरण

पर्यायवाची शब्द व्याख्या
दर्प अत्यधिक आत्ममहत्व या मानमानी की भावना
घमंड स्वयं को अत्यधिक महत्वपूर्ण और उच्च मानने की भावना
मान आत्म-समर्पण और योग्यताओं की प्रतिष्ठा और आत्म-सम्मान की भावना
अहंकार अत्यधिक आत्ममहत्वपूर्ण भावना, उच्च मान और उद्दंडता
मनोबल आत्म-समर्पण और आत्म-संवाद की भावना, स्वातंत्र्य की भावना
आत्म-प्रतिष्ठा सही और स्थिर आत्म-महत्व की भावना, स्वाभिमान और स्वातंत्र्य की भावना
अनिमानता उद्दंडता, उच्च मान और दूसरों के प्रति तिरस्कार की भावना
गर्व स्वातंत्र्य, आत्म-समर्पण और योग्यताओं के प्रति आत्म-संवाद की भावना
विशेषता अनूठाई, अलगाव या विशिष्टता की भावना
अनुमान आत्म-समर्पण और आत्म-संवाद की भावना, स्वातंत्र्य की भावना

FAQs

अहंकार वह भावनात्मक स्थिति है जिसमें कोई व्यक्ति अपने आप को अत्यधिक महत्वपूर्ण और उच्च मानता है।

अहंकार व्यक्ति की स्वाभाविकता, सामाजिक प्रभाव, सफलता और प्रतिष्ठा के परिणामस्वरूप उत्पन्न हो सकता है।

अहंकार विभिन्न प्रकार का हो सकता है, जैसे सामान्य अहंकार, बड़ाईगी, आत्म-प्रमाद आदि।

अहंकार से बचने के लिए व्यक्ति को समय-समय पर आत्म-मौन और समय-समय पर आत्म-मूल्यांकन करने की आवश्यकता होती है।

स्वाभिमान आत्म-समर्पण और योग्यताओं की प्रतिष्ठा का भावनात्मक रूप होता है, जबकि अहंकार में अत्यधिक महत्वपूर्णता और उच्च मानने की भावना होती है

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