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beti ka paryayvachi shabd; पर्यायवाची शब्द

बेटी का पर्यायवाची शब्द (beti ka paryayvachi shabd) एक महत्वपूर्ण विषय है जो हमें हिन्दी भाषा के विशाल शब्दकोष की समृद्धि और विविधता का पता दिलाता है। “बेटी” शब्द का पर्यायवाची शब्द विचार करने से हमें विभिन्न भावनाओं, अर्थों और परियोजनाओं की प्रतिनिधित्व मिलती है। यह शब्द न केवल व्यक्तिगत संबंधों की प्रतिष्ठा करता है, बल्कि उसकी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका भी होती है।

परिचय​

परिवर्तन निश्चितता का परिणाम होता है, और भाषा उस परिवर्तन का श्रेष्ठ उदाहरण है जिसमें एक शब्द कई भिन्न भिन्न शब्दों में रूपांतरित हो जाता है। “बेटी” शब्द भी इस परिवर्तन की प्रतिष्ठा दिखाता है, जहाँ इस एक शब्द के कई पर्यायवाची शब्द हैं जिनसे हम इस शब्द के विभिन्न मतलब और पहलुओं को समझ सकते हैं। इस पर्यायवाची शब्दों की विशाल सूची में, हर शब्द बेटी के रूप, स्वरूप, और महत्व को नए दृष्टिकोण से दर्शाता है। आइए, हम इस पर्यायवाची शब्दों के संग्रह में खो जाते हैं और बेटी शब्द के पर्यायवाची रूपों की खोज करते हैं।

beti ka paryayvachi shabd

beti के पर्यायवाची शब्द:

पर्यायवाची शब्दपर्यायवाची शब्दपर्यायवाची शब्द
बितियापुत्रीलड़की
राजकुमारीसंतानीकन्या
औरताबेटूबेटिका
पुत्रिकालड़की बच्चीसुती
भागिनीबहनछोटी बहन
पुत्रिनीरुपांगनावनिता
रुपस्त्रीमहिलासखी
भगिनीसाखियाआत्मीया
भतिजीबिटियासुतिनी

बेटी का महत्व:

मानव समाज की नींव बेटियों पर टिकी होती है। बेटी का महत्व अत्यधिक होता है, क्योंकि वह समाज की अग्रणी, शिक्षिका और संरचनात्मक बदलाव की मूल कारण होती है। बेटी के महत्व को समझना हमारे समाज के विकास और समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाने में महत्वपूर्ण है।

1. शिक्षा का महत्व:

बेटी को शिक्षित बनाने से समाज में शिक्षा का स्तर बढ़ता है। उन्हें अधिकारिक शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है, जिससे वे अपने सपनों की पूर्ति कर सकती हैं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं।

2. समाज में भागीदारी:

बेटियों की सशक्तीकरण से समाज में उनकी भागीदारी बढ़ती है। वे राजनीति, आर्थिक विकास, सामाजिक विचारधारा आदि में भाग लेती हैं और समाज को सशक्त बनाने में मदद करती हैं।

3. परिवार की आधारशिला:

बेटियाँ परिवार की आधारशिला की भूमिका निभाती हैं। उनकी देखभाल में परिवार का संघटन होता है और वे संवाद, सामंजस्य, और सहयोग में मदद करती हैं।

4. सामाजिक बदलाव:

बेटियाँ समाज में सामाजिक बदलाव लाती हैं। उनके माध्यम से समाज में विभिन्न मुद्दों की बढ़ती हुई जागरूकता और उनके अधिकारों की प्रतिष्ठा होती है।

5. आदर्श सेविकाएँ:

बेटियाँ समाज में आदर्श सेविकाएँ बनती हैं और दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनती हैं।

6. परिवार की पौष्टिकता:

बेटियाँ परिवार की पौष्टिकता और संरचना में सहायक होती हैं। उनकी देखभाल से परिवार की स्थिति मजबूत होती है।

7. समाज में संतुष्टि:

बेटियों की समाज में पूरी तरह से स्थान मिलने से समाज में संतुष्टि और एकता बढ़ती है।

पर्यायवाची शब्दों के अर्थ और उनके अंग्रेजी अर्थ ​​​​

पर्यायवाची शब्द अर्थ
बितिया Daughter
पुत्री Daughter
लड़की Girl
राजकुमारी Princess
संतानी Offspring
कन्या Maiden
औरता Female
बेटू Female child (informal)
बेटिका Female offspring
पुत्रिका Female child
लड़की बच्ची Girl child
पुत्रिक Female child
सुती Daughter
शिशुपुत्रिक Granddaughter
भागिनी Sister
बहन Sister
छोटी बहन Younger sister
पुत्रिनी Daughter
रुपांगना Beautiful girl
वनिता Woman
रुपस्त्री Beautiful woman
विशेषिका Female
महिला Woman
सखी Friend (female)
भगिनी Sister
साखिया Friend (female)
आत्मीया Relative
भतिजी Niece
बिटिया Daughter
सुतिनी Daughter-in-law
 

पौराणिक और साहित्यिक महत्व​

बेटी का महत्व पौराणिक और साहित्यिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। हिन्दू पौराणिक कथाओं और साहित्य के माध्यम से बेटी के आदर्श और महत्व को दर्शाया गया है। यहाँ पर पौराणिक और साहित्यिक महत्व के कुछ पहलु दिए गए हैं:

पौराणिक महत्व

हिन्दू पौराणिक कथाओं में बेटी को महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है। बेटी को देवी का रूप माना गया है, जैसे कि माता दुर्गा, माता सीता, और माता लक्ष्मी। यह पौराणिक कथाएँ बेटियों के प्रति समाज की दृष्टि को बदलकर उन्हें समाज में अधिक महत्वपूर्ण बनाती हैं।

साहित्यिक महत्व

साहित्य के क्षेत्र में भी बेटी को महत्वपूर्ण रूप में प्रस्तुत किया गया है। कई उपन्यास, कहानियाँ, कविताएँ आदि में बेटी के विकास, स्वतंत्रता, और समाज में उनके योगदान की महत्वपूर्ण मिसालें प्रस्तुत की गई है।

नारी शक्ति की प्रतिष्ठा:

साहित्य में बेटियों को नारी शक्ति की प्रतिष्ठा और महत्वपूर्ण दिखाया गया है। वे साहित्यिक काव्य, कहानियाँ, और उपन्यासों के माध्यम से समाज में अपनी आवश्यकताओं की पहचान करवाती हैं।

निष्कर्ष

बेटी का महत्व समाज के सभी क्षेत्रों में अत्यधिक है, चाहे वह शिक्षा, सामाजिक समरसता, परिवार या साहित्य हो। उनकी अद्वितीय भूमिका ने समाज को समृद्धि और समानता की दिशा में प्रेरित किया है। पौराणिक कथाओं में और साहित्य के क्षेत्र में बेटी के महत्व की महत्वपूर्ण मिसालें मिलती हैं, जिनसे हमें उनके आदर्श और सकारात्मक योगदान का पता चलता है। बेटियों की शिक्षा, स्वतंत्रता, और समाज में उनके प्रति अधिकारों की प्रतिष्ठा हमारे समाज के विकास के लिए आवश्यक है। इसलिए हमें बेटियों का समाज में समान दर्जा और महत्व देने के लिए आगे बढ़ना चाहिए, ताकि हम एक समृद्ध और समान समाज की दिशा में प्रगति कर सकें।

FAQ's

वर्षा बादलों के जल से गिरने वाले जल की बूँदों का प्रतिशत अम्बर पर 2.5% होता है, और यह पृथ्वी की सतह पर गिरने वाले जल का 70% यातायात करता है।

बेटियों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें शिक्षा, स्वतंत्रता, और समाज में उनके प्रति अधिकारों की प्रतिष्ठा प्राप्त करने का अवसर देना चाहिए। साथ ही, समाज में उनके सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है।

बेटियों के समाज में योगदान की महत्वपूर्णता इसलिए है क्योंकि वे समाज की विकास और समृद्धि में अग्रणी भूमिका निभाती हैं। उनकी सोच, कृतित्व, और योगदान से समाज में सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है।

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