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Brahma ka paryayvachi shabd

ब्रह्मा विश्व हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता है और वे त्रिमूर्ति के तीसरे अंग के रूप में पूजे जाते हैं। उन्हें ‘सृष्टिकर्ता’, ‘जगदीश’, ‘विश्वकर्ता’ आदि नामों से भी जाना जाता है। ब्रह्मा का पर्यायवाची शब्द ‘हिरण्यगर्भ’ होता है, जो उनके सृष्टि के कार्य को दर्शाता है। वे ब्रह्मांड के सभी जीवों के पिता के रूप में जाने जाते हैं और सृष्टि के प्रारंभ कार्य का प्रतीक माने जाते हैं। उनके चार मुख और चार आवरण होते हैं, जो चारों दिशाओं की प्रतिनिधि होती हैं। ब्रह्मा का मुख पूर्वदिशा की प्रतिनिधि होता है, जिससे सूर्य का उदय होता है। उनके चार हाथ विविध संकेत मुद्राओं में होते हैं, जो ज्ञान, संरक्षण, सृष्टि और संहार के प्रतीक होते हैं। ब्रह्मा का पूजन विशेष रूप से ब्रह्मा द्वादशी तिथि पर किया जाता है, जो उनके पूजन के लिए प्रमुख होती है। उन्हें ज्ञान और सृष्टि के प्रतीक के रूप में माना जाता है, जो सम्पूर्ण ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विकास का प्रतीक होते हैं।

Who Is Lord Brahma

परिचय

ब्रह्मा, हिन्दू धर्म में, ब्रह्मांड के सृजनात्मक पहलु से जुड़े एक महत्वपूर्ण देवता है। वे दिव्य त्रिमूर्ति के सदस्यों में से एक हैं, जिन्हें त्रिमूर्ति के रूप में भी जाना जाता है, और उनमें से एक वैशिष्ट्यपूर्ण ब्रह्मांड की रचनाकर्ता की भूमिका निभाते हैं। हिन्दू धर्म के तंत्र में महत्वपूर्ण स्थान पर खड़े ब्रह्मा की उपासना अन्य देवियों जैसे विष्णु या शिव की तरह आम रूप से नहीं होती है।

ब्रह्मा के महत्वपूर्ण बिंदु:

  1. सृजन: ब्रह्मा को ब्रह्मांड के सृजनकर्ता के रूप में माना जाता है। उन्हीं का जीवन की उत्पत्ति के लिए जिम्मेदारी होती है, और उनकी चार मुख हैं, जो चार वेदों की प्रतिनिधि होते हैं।
  2. चार मुख और चार हाथ: ब्रह्मा को अक्सर चार मुखों के साथ दिखाया जाता है, जो पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण की दिशाओं को दर्शाते हैं, जिससे उनकी सर्वव्यापितता और सब कुछ समाहित स्वरूप का प्रतिनिधित्व होता है। उनके चार हाथ होते हैं, जिनमें माला, किताब, कलश और कमल जैसे प्रतीक होते हैं।
  3. पत्नी और पुत्रवद्धू: ब्रह्मा के साथ उनकी पत्नी सरस्वती भी दिखाई देती है, जो ज्ञान, संगीत, कला और शिक्षा की प्रतिनिधि होती है। वे मिलकर सृजनशक्ति और ज्ञान के सम्मिलित स्वरूप का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी एक पुत्री है, जिन्हें सरस्वती के नाम से जाना जाता है, और वह ज्ञान, भाषा और कलाओं की देवी के रूप में पूजी जाती है।
  4. मंदिर और पूजा: हालांकि ब्रह्मा के मंदिर मौजूद होते हैं, लेकिन वे अन्य देवताओं की तुलना में कम पूजे जाते हैं। ब्रह्मा के लिए सबसे प्रसिद्ध मंदिर पुष्कर, राजस्थान, भारत में स्थित है। उनकी पूजा विशेष रूप से कार्तिक पूर्णिमा के दिन की जाती है, जब भक्त उनकी आराधना करते हैं और ज्ञान और सृजनात्मकता की आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

पर्यायवाची शब्द

  1. जगदीश
  2. पितामह
  3. सर्वग
  4. सर्वदेव
  5. विश्वकर्ता
  6. ब्रह्म
  7. ईश्वर
  8. हिरण्यगर्भ
  9. प्रजापति
  10. विरिञ्चि
  11. विश्वरूप
  12. सर्वेश
  13. विश्वाधिप
  14. दयित
  15. सर्वकर्तृक
  16. चतुर्मुख
  17. अच्युत
  18. श्रेष्ठ
  19. चतुरात्मा
  20. आदिकर्ता
  21. आदिपुरुष
  22. सत्यज्ञानमनन्त
  23. सर्वज्ञ
  24. अनादिनिधन
  25. विगतवत्सल

Synonyms of Brahma

Here are 25 synonyms for “Brahma” in English:

  1. Creator
  2. Grandfather
  3. Universal Lord
  4. Supreme Being
  5. Divine Craftsman
  6. God
  7. Lord of the Universe
  8. Source of All
  9. Hiranyagarbha
  10. Lord of Progeny
  11. All-Pervading
  12. Supreme Reality
  13. Cosmic Form
  14. Cosmic Lord
  15. Originator
  16. Four-Faced Deity
  17. Eternal
  18. Creator of the World
  19. Original Being
  20. Primordial Entity

ब्रह्मा शब्दो का वाक्यों में प्रयोग

  1. ब्रह्मा ने सृष्टि का कार्य किया और विविध जीवों को उत्पन्न किया।
  2. पुराने परम्पराओं में, ब्रह्मा को विश्वकर्ता के रूप में पूजा जाता था।
  3. ब्रह्मा का मंदिर पुष्कर में स्थित है और वहाँ उनकी उपासना की जाती है।
  4. ब्रह्मा और सरस्वती जी का युगस्थान पुष्कर के मंदिर में है।
  5. ब्रह्मा को चार मुख और चार हाथों वाले रूप में दर्शाया जाता है।
  6. उनकी आराधना कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष रूप से की जाती है।
  7. ब्रह्मा का संबंध सरस्वती और ब्रह्मांड के सृजनहार के रूप में होता है।
  8. ब्रह्मा द्वादशी के दिन भक्तगण उनकी पूजा और आराधना करते हैं।
  9. ब्रह्मा की उपासना से ज्ञान और सृष्टि की शक्ति में वृद्धि होती है।
  10. ब्रह्मा ने अपनी विशेष शक्तियों का प्रदर्शन करके सृष्टि को उत्पन्न किया

ब्रह्मा के पर्यायवाची शब्दो के वाक्य में प्रयोग

  1. विश्वकर्ता: विश्वकर्ता ने इस ब्रह्मांड की स्थिति तय की और उसकी सभी रचनाओं का निर्माण किया।
  2. पितामह: पितामह ने ब्रह्मांड के सभी प्राणियों की उत्पत्ति की है और हर एक को उनकी कृपा से जन्म मिला है।
  3. सर्वज्ञ: जैसे ही सर्वज्ञ का दर्शन हुआ, हमने ज्ञान के विशाल सागर में खुद को डूबते हुए महसूस किया।
  4. ईश्वर: जीवन के सभी पहलुओं में ईश्वर की आवश्यकता होती है, क्योंकि वे सृष्टि के संरचनाकर्ता हैं।
  5. जगदीश: जगदीश ने सभी जीवों के जीवन को आवर्तनीय प्रक्रिया में पिघलाया है।
  6. हिरण्यगर्भ: हिरण्यगर्भ का रहस्यमय रूप हमें सृष्टि के प्रारंभिक अवस्थाओं का परिप्रेक्ष्य दिखाता है।
  7. सर्वग: जब हम देखते हैं, तो सर्वग की उपस्थिति हमारे चारों ओर महसूस होती है।
  8. चतुर्मुख: चतुर्मुख देवता ने चार दिशाओं की सम्मानित प्रतिनिधित्व किया और सृष्टि के विकास में योगदान किया।
  9. अच्युत: अच्युत देवता की आदि और अंतहीन सतता हमें सृष्टि की अनन्तता का अनुभव कराती है।
  10. आदिकर्ता: ब्रह्मा आदिकर्ता है जिन्होंने प्रारंभ में सब कुछ बनाया और सृष्टि की शुरुआत की

ब्रह्मा से जुडे रोचक तथ्य

यहाँ ब्रह्मा से जुड़े 10 रोचक तथ्य हैं:

  1. त्रिमूर्ति का तीसरा अंग: ब्रह्मा हिन्दू धर्म में त्रिमूर्ति के तीसरे अंग के रूप में पूजे जाते हैं, जिनमें विष्णु प्रेसर्वर और शिव डिस्ट्रोयर हैं।
  2. ब्रह्मा का जन्म: ब्रह्मा का उत्पत्ति नहीं होता है, क्योंकि वे स्वयं सर्वोच्च और निरंतर हैं।
  3. चार मुख: ब्रह्मा के चार मुखों का प्रतीकित होना वेदों की प्रतिनिधि होती है, जिनसे ज्ञान का प्रकटन होता है।
  4. ब्रह्मा की पत्नी: ब्रह्मा की पत्नी का नाम सरस्वती है, जो ज्ञान, कला, संगीत और विद्या की प्रतिनिधि मानी जाती है।
  5. ब्रह्माण्ड के पिता: ब्रह्मा को ब्रह्माण्ड के सभी प्राणियों के पिता के रूप में माना जाता है।
  6. पुष्कर मंदिर: भारत के राजस्थान राज्य में पुष्कर शहर में एक प्रमुख ब्रह्मा मंदिर है, जो उनकी उपासना के लिए प्रसिद्ध है।
  7. अग्नि पुराण: ब्रह्मा के बारे में अधिक जानकारी अग्नि पुराण में मिलती है, जो ब्रह्मा की उत्पत्ति और कार्यक्षमता का वर्णन करता है।
  8. चतुर्मुख रूप: ब्रह्मा को चार मुखों और चार हाथों वाले रूप में प्रतिष्ठित किया गया है, जो चार दिशाओं की प्रतिनिधि होते हैं।
  9. कार्तिक पूर्णिमा: ब्रह्मा की पूजा कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष रूप से की जाती है, जब भक्त उनकी आराधना करते हैं।
  10. सृष्टि के निर्माता: ब्रह्मा को हिन्दू धर्म में सृष्टि के निर्माता के रूप में माना जाता है, जिनका कार्य है विविध प्राणियों की उत्पत्ति करना।

‌‌‌ब्रह्मा की उत्पत्ति कैसे हुई थी

इस अवस्था में, एक विराट् पुरुष के मुख से ब्रह्मा, उसके बालकों से क्षत्रिय, उसके ऊरु से वैश्य, और उसके पैरों से शूद्र उत्पन्न हुए। विराट् पुरुष के शरीर के अन्य अंग से भी विभिन्न प्राणियाँ उत्पन्न हुईं। इस कथा के आधार पर, ब्रह्मा को विराट् पुरुष के मुख से उत्पन्न होने का रूप दिया गया है। यह कथा प्राचीन हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में पाई जाती है और विभिन्न संस्कृति के अनुसार थोड़ी भिन्न-भिन्न रूप में प्रस्तुत होती है। यह कथा ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विकास के प्रारंभिक अवस्थाओं को समझने में मदद करती है और हिन्दू धर्म में ब्रह्मा की महत्वपूर्ण भूमिका का वर्णन करती है।

ब से शुरू होने वाले पर्यायवाची शब्द

  1. बच्चा: यह शब्द बच्चों को संदर्भित करने के लिए प्रयुक्त होता है। बच्चे हमारे समाज की आशा और भविष्य होते हैं।
  2. बुद्धि: इस शब्द का अर्थ होता है ‘बुद्धि’ या ‘मानसिक क्षमता’। यह व्यक्ति की सोचने की क्षमता को दर्शाता है।
  3. बदला: यह शब्द किसी क्रिया का परिणाम होता है जिसमें कुछ परिवर्तन होता है, जैसे कि किसी के खिलाफ आपत्ति या क्रियावली में परिवर्तन।
  4. बहाना: यह शब्द किसी क्रिया की व्यवस्था या किसी निष्ठांत की व्याख्या करने के लिए प्रयुक्त होता है।
  5. बुरा: यह शब्द ‘खराब’, ‘अच्छा नहीं’ या ‘नकारात्मक’ का अर्थ होता है। यह विशेषतः व्यक्ति, स्थिति या चीज़ के बारे में प्रयुक्त होता है।
  6. बेहतर: इस शब्द का अर्थ होता है ‘बेहतर’ या ‘अधिक उत्तम’। यह किसी चीज़ की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए प्रयुक्त होता है।
  7. बहुत: यह शब्द ‘अधिक’ या ‘प्रचुर’ की स्थिति को दर्शाता है। यह किसी की मात्रा या प्रमाण को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है

उदाहरण

पर्यायवाची शब्द विवरण
जगदिश्वर “जगदिश्वर” शब्द ब्रह्मा के दैवी स्थान का संकेत करता है, जो सृष्टि के निर्माता और संरक्षक हैं। यह शब्द उनके विशाल और अद्वितीय स्वरूप की महिमा को दर्शाता है।
प्रजापति “प्रजापति” शब्द ब्रह्मा के रूपों में से एक को सूचित करता है, जिन्होंने सभी प्रजातियों की उत्पत्ति की है। यह शब्द उनके सृष्टिकर्ता और प्रजा के पालक होने की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
ब्रह्मविद् “ब्रह्मविद्” शब्द उन व्यक्तियों को सूचित करता है जिन्होंने ब्रह्मा के अद्वितीय रहस्यों का ज्ञान प्राप्त किया है। यह शब्द उनके आध्यात्मिक ज्ञान और महानत्व को दर्शाता है।
श्रेष्ठ “श्रेष्ठ” शब्द ब्रह्मा के महत्वपूर्णता और उनके सर्वश्रेष्ठ स्वरूप की भावना को दर्शाता है। यह शब्द उनके दिव्यता और विशेषता को संकेतित करता है।
परमेश्वर “परमेश्वर” शब्द ब्रह्मा के दैवीत्व और उनके सर्वोच्च स्थान की प्रतिष्ठा को दर्शाता है। यह शब्द उनके आदिकरण के रूप में उनके परम शक्तिशाली स्वरूप की महिमा को स्तुति देता है।
सृष्टिकर्ता “सृष्टिकर्ता” शब्द ब्रह्मा के रूपों में से एक को सूचित करता है, जिन्होंने सम्पूर्ण ब्रह्मांड की रचना की है। यह शब्द उनके सृष्टि कार्य की महत्वपूर्णता को दर्शाता है।
पितामह “पितामह” शब्द ब्रह्मा के सृष्टि के प्रारंभिक अवस्थाओं के पिता के रूप में उनके महत्व को दर्शाता है। यह शब्द उनके प्राचीनतम और आदिकारण स्वरूप को संकेतित करता है।
वेदपुरुष “वेदपुरुष” शब्द ब्रह्मा के ज्ञान और वेदों के प्रतिनिधित्व को दर्शाता है। यह शब्द उनके ज्ञान और शिक्षा के आदर्श रूप को संकेतित करता है।
ब्रह्माण्डनायक “ब्रह्माण्डनायक” शब्द ब्रह्मा के सम्पूर्ण ब्रह्मांड के नेता और शासक के रूप में उनके प्रमुखत्व को दर्शाता है। यह शब्द उनके अद्वितीय प्राधान्य और प्रबल स्वरूप को संकेतित करता है।
पुराणपिता “पुराणपिता” शब्द ब्रह्मा को उन प्राचीन पौराणिक कथाओं और ज्ञान के पिता के रूप में सूचित करता है। यह शब्द उनके ज्ञान और सृष्टि से संबंधित महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।

FAQs

ब्रह्मा के पर्यायवाची शब्द जैसे “जगदीश”, “प्रजापति”, “ब्रह्मविद्”, “श्रेष्ठ”, “परमेश्वर”, “सृष्टिकर्ता” आदि हो सकते हैं।

“जगदीश” शब्द का अर्थ होता है “विश्व के ईश्वर” या “जगत का प्रमुख देवता”।

“ब्रह्मविद्” शब्द का अर्थ होता है “ब्रह्म के ज्ञानवान” या “ब्रह्मा के अद्वितीय रहस्यों का ज्ञान रखने वाला”।

ब्रह्मा की पूजा विभिन्न हिन्दू मंदिरों में की जाती है, जहां उन्हें प्रतीक रूप में पूजा जाता है। उनके पूजन में फूल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि शामिल होते हैं।

ब्रह्मा के चार मुख होते हैं, जिन्हें चारों दिशाओं की प्रतिष्ठा के लिए प्रतिनिधित्व करने के रूप में माना जाता है।

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