स्त्री के पर्यायवाची शब्द (stri ka paryayvachi shabd) का मतलब है जो शब्द स्त्री के विभिन्न पर्यायवाची रूपों को व्यक्त करते हैं। महिला, स्त्री, नारी – ये शब्द सभी एक ही अर्थ को सूचित करते हैं, विशेषकर मानव समुदाय में। समाज में महिलाओं का महत्व अत्यधिक होता है और उनके योगदान के बिना किसी भी समाज का पूरा विकास संभव नहीं हो सकता।
परिचय
“स्त्री” एक महत्वपूर्ण शब्द है जो महिलाओं को सूचित करने के लिए प्रयुक्त होता है। इस शब्द का अर्थ न केवल जीवन की एक व्यक्ति, बल्कि समाज के विकास की भी प्रतीक होता है। यह न केवल जीवन की विविधता को स्वीकार करता है, बल्कि उसके योगदान को महत्वपूर्ण बनाता है जो उन्हें समाज में कार्यरत बनाता है। समाज में महिलाओं के योगदान का महत्वपूर्ण स्थान होता है और उनकी ऊर्जा और उत्कृष्टता समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

stri के पर्यायवाची शब्द:
पर्यायवाची शब्द | पर्यायवाची शब्द | पर्यायवाची शब्द |
---|---|---|
नारी | नरी | जननी |
जननी | गर्भज | माता |
मातृ | माँ | अव्यक्त |
विश्रांत | सहयात्री | ग्रामीण |
ग्रामवासिनी | पत्नी | व्रतिन |
भार्या | जीविका | पतिव्रता |
अबला | नयनी | सुंदरी |
सुहागन | आनंदिनी | सुशीला |
सुरता | सुंदरी | नेत्रा |
नेत्री | लक्ष्मी | देवी |
स्त्री का महत्व:
समाज की नींव में स्त्री का महत्व अत्यधिक है। स्त्री समाज का मूल आधार होती है जो समाज की उन्नति और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। स्त्री का महत्व सिर्फ उसके शारीरिक रूप से ही नहीं, बल्कि उसकी शिक्षा, संगीत, कला, शिल्प, विज्ञान, साहित्य, और सामाजिक क्षेत्र में भी होता है।
स्त्री का महत्व सिर्फ घरेलू कार्यों और परिवार में ही सीमित नहीं होता, बल्कि उसकी सकारात्मक भूमिका समाज में भी महत्वपूर्ण होती है। स्त्री का समाज में समान दर्जा और अवसर मिलना चाहिए ताकि वह अपनी पूरी क्षमता से समाज के विकास में योगदान कर सके।
स्त्री का महत्व उसके विभिन्न रूपों में दिखाई देता है, जैसे कि माता, पत्नी, बेटी, बहन आदि। स्त्री समाज का संरचनात्मक हिस्सा होती है जिसके बिना समाज की प्रगति संभव नहीं है।
इस प्रकार, स्त्री का महत्व सिर्फ उसके शारीरिक रूप से ही नहीं, बल्कि उसके समाज में भूमिका और योगदान के परिप्रेक्ष्य में भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
पर्यायवाची शब्दों के अर्थ और उनके अंग्रेजी अर्थ
पर्यायवाची शब्द | अर्थ | अंग्रेजी अर्थ |
---|---|---|
नारी | महिला | Woman |
जननी | मां | Mother |
मातृ | माँ | Motherly |
गर्भज | गर्भित | Pregnant |
माता | मां | Mother |
अव्यक्त | गोपनीय | Confidential |
विश्रांत | शांत | Peaceful |
सहयात्री | सहकर्मी | Collaborator |
ग्रामीण | गांव की निवासी | Rural |
ग्रामवासिनी | गांव की महिला | Village Dweller |
पत्नी | पतिव्रता | Wife |
व्रतिन | संयमी | Ascetic |
भार्या | पत्नी | Wife |
जीविका | आजीविका | Livelihood |
पतिव्रता | पत्नी | Devoted Wife |
अबला | कमजोर | Helpless |
नयनी | देखने वाली | Observer |
सुंदरी | सुंदर | Beautiful |
सुहागन | पतिव्रता | Married Woman |
आनंदिनी | खुश | Joyful |
सुशीला | शिष्ट | Virtuous |
सुरता | रूप | Beauty |
सुंदरी | सुंदर | Beautiful |
नेत्री | आंखों वाली | One with Eyes |
लक्ष्मी | धन और समृद्धि | Wealth and Prosperity |
देवी | देवी | Goddess |
देवी | देवी | Divine |
नेत्रा | आंख | Eye |
जननी | माता | Mother |
सहयात्री | साथी | Partner |
विश्रांत | आराम करने वाला | Relaxed |
पौराणिक और साहित्यिक महत्व
स्त्री का पौराणिक और साहित्यिक महत्व भारतीय संस्कृति और शास्त्रीय साहित्य में विशेष रूप से उजागर होता है।
पौराणिक महत्व
पौराणिक कथाओं में स्त्री का महत्वपूर्ण रोल दिखाया गया है, जैसे कि देवी दुर्गा, सीता, लक्ष्मी, पार्वती आदि। उनके माध्यम से स्त्री को शक्ति, समर्पण, और विशेषता की प्रतिष्ठा दी गई है।
साहित्यिक महत्व
साहित्यिक दृष्टिकोण से भी स्त्री का महत्वपूर्ण स्थान है। कई महान कवियों और लेखकों ने स्त्री की भूमिका को अपनी रचनाओं में उजागर किया है। साहित्य के क्षेत्र में उनकी शिक्षा, संघर्ष, समर्पण, और उनके सामाजिक योगदान को महत्वपूर्ण दिखाया गया है।
स्त्री के महत्व को साहित्य और कला के क्षेत्र में भी दर्शाने का प्रयास किया गया है। चित्रकला, संगीत, नृत्य, और साहित्य में स्त्री के योगदान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
इस तरह से, स्त्री का पौराणिक और साहित्यिक महत्व उसके समाज में न केवल एक व्यक्ति के रूप में, बल्कि एक सशक्त और सामाजिक योगदान करने वाले व्यक्ति के रूप में भी उजागर होता है।
निष्कर्ष
स्त्री शब्द का पर्यायवाची शब्द संस्कृति, साहित्य, और कला के विविध क्षेत्रों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। इसका उपयोग सिर्फ जाति, धर्म, या समाज की मान्यताओं से बाधित नहीं होना चाहिए, बल्कि एक सशक्त, समर्पित, और समाज में समानता के लिए योगदान करने वाले व्यक्ति का प्रतीक होना चाहिए। स्त्री के पौराणिक, साहित्यिक, और सांस्कृतिक महत्व को समझना महत्वपूर्ण है, ताकि हम उनके योगदान को सम्मान और महत्व दे सकें और एक समान और सशक्त समाज की दिशा में प्रगति कर सकें।
FAQ's
स्त्री के पर्यायवाची शब्द महिला, नारी, महिलायें, अवस्था, देवी, माता, जननी, आदि हैं।
स्त्री का महत्व समाज में समानता और विकास की दिशा में होता है। वह समाज का मूल आधार होती है और उसकी प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
स्त्री सशक्तिकरण महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे समाज में समानता और समरसता की दिशा में प्रगति होती है। स्त्रियाँ स्वयं को सशक्त बनाकर अपने अधिकारों की पहचान करती हैं।