नेत्र का पर्यायवाची शब्द (netra ka paryayvachi shabd) यानी नेत्र के समान अर्थ रखने वाले शब्दों की एक विस्तृत सूची प्रस्तुत करेंगे। यह सूची आपको नेत्र के विभिन्न पर्यायवाची शब्दों के बारे में जानकारी प्रदान करेगी, जिनका उपयोग आप विविध रूपों में कर सकते हैं
परिचय
“नेत्र” शब्द का “पर्यायवाची शब्द” होता है जो भाषा में व्यक्ति की आँखों को संकेतित करने के लिए प्रयुक्त होता है। यह शब्द संवादना, विचारना, और देखने की क्रियाओं से संबंधित है जिनका महत्वपूर्ण भूमिका जीवन में होता है। नेत्र की दृष्टि से हम अपने आस-पास की दुनिया को जानते हैं और समझते हैं। इसके अलावा, नेत्र भावनाओं, व्यक्तिगतता, और भाषा के साथ जुड़े होते हैं। नेत्र का पर्यायवाची शब्द उपयोग करके हम इसके महत्व को और भी सुंदर ढंग से व्यक्त कर सकते हैं।
Netra के पर्यायवाची शब्द:
प्राथमिक शब्द | पर्यायवाची शब्द |
---|---|
नेत्र | चक्षु |
दृष्टि | दर्शन |
अक्षि | नयन |
आँख | दृग |
नयन | द्रष्टि |
दृग | नेत्र |
दृष्ट | पश्यन्ति |
दर्शन | चक्षु |
दृष्टिगोचर | दर्शनीय |
दर्शनीय | दृष्टिगोचर |
चक्षु | नेत्र |
दृगमुख | दृष्टिगोचर |
दर्शक | पश्यन्ति |
दृगलक्षण | दृष्टिगोचर |
दृष्टान्त | दर्शन |
नेत्री | दर्शिका |
पश्यन्ति | दृष्ट |
चक्षुषा | दृष्टि |
दृष्टि | नेत्र |
नयनी | दर्शिका |
दर्शिका | नेत्री |
दृष्टता | नेत्रता |
दर्शित | पश्यति |
पश्यति | दर्शित |
दृष्टानुमान | दृष्टान्त |
नेत्रता | दृष्टता |
दर्शिनी | दर्शिका |
नयनिका | दर्शिका |
दृष्टावतार | दृष्टान्त |
दृष्टिकोण | दृष्टिसंख्या |
दृष्टिसंख्या | दृष्टिकोण |
दृष्टिपथ | दृष्टिमार्ग |
नेत्र का महत्व:
नेत्र, मानव जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण एवं अनमोल अंग है। यह न केवल हमें दृष्टिगत जगत को समझने में मदद करता है, बल्कि इसका भावनात्मक और सामाजिक महत्व भी होता है। नेत्रों के माध्यम से हम दुनिया के रूप, रंग, संरचना, आदि को प्राप्त करते हैं जिससे हमारी ज्ञानभावना में वृद्धि होती है।
नेत्र हमारे भावनाओं को व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम होते हैं। व्यक्ति की आँखों से उनकी मानसिक स्थिति, खुशी, दुख, भय आदि का पता चलता है। नेत्रों की मुद्राएँ और चेहरे की भावनाएँ हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक संवाद के एक महत्वपूर्ण हिस्से को दर्शाती हैं।
नेत्रों का सही से देखभाल करना भी आवश्यक है। आजकल की डिजिटल युग में, लम्बे समय तक स्क्रीनों का उपयोग करने से नेत्रों की तनाव और कमजोरी बढ़ सकती है। इसलिए, समय-समय पर आँखों की विशेषज्ञ सलाह और नियमित विश्राम का पालन करना आवश्यक है।
समाज में दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए नेत्र बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। उनकी जीवन में दृष्टि के बिना कई सारी समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए समाज को उनका सहयोग करना आवश्यक होता है ताकि वे भी समाज में समर्थ और स्वावलंबी रूप से जीवन जी सकें।
समर्थ और स्वस्थ नेत्र व्यक्ति की जीवन गुणवत्ता को बढ़ावा देते हैं और उन्हें दुनिया के सौंदर्य का आनंद उठाने में मदद करते हैं। इसलिए, हमें नेत्रों की देखभाल करने के साथ-साथ उनके महत्व को समझना भी अत्यंत आवश्यक है।
पर्यायवाची शब्दों के अर्थ और उनके अंग्रेजी अर्थ
पर्यायवाची शब्द | अर्थ | अंग्रेजी अर्थ |
---|---|---|
चक्षु | आँख | Eye |
दर्शन | देखना | Vision |
नयन | आँख | Eye |
आँख | दृष्टि | Eye |
नेत्री | दर्शिका | Female Seer |
चक्षुषा | दृष्टि | Sight |
नेत्रता | दृष्टता | Ocularity |
दर्शिका | नेत्री | Viewer |
दृष्टिकोण | दृष्टिसंख्या | Angle of Vision |
दृष्टिसंख्या | दृष्टिकोण | Visual Angle |
दृष्टान्त | दर्शन | Example |
नेत्रता | दृष्टता | Vision |
दर्शिका | नेत्री | Viewer |
नयनिका | दर्शिका | Observer |
दृष्टावतार | दृष्टान्त | Eye-catching |
दृष्टिगोचर | दर्शनीय | Visible |
दर्शनीय | दृष्टिगोचर | Worth Seeing |
दृष्टान्त | दर्शन | Illustration |
चक्षु | नेत्र | Eye |
दृग | नेत्र | Seer |
दृष्टि | चक्षु | Eyesight |
अक्षि | आँख | Eye |
दृष्ट | पश्यन्ति | Sees |
पश्यन्ति | दृष्ट | Sees |
दृष्टिपथ | दृष्टिमार्ग | Line of Sight |
दृष्टानुमान | दृष्टान्त | Visual Inference |
दृष्टांत | दर्शन | Example |
दृष्टता | नेत्रता | Sight |
दृष्टिकोण | दृष्टिसंख्या | Visual Angle |
दृष्टिसंख्या | दृष्टिकोण | Angle of Vision |
दृष्टिपथ | दृष्टिमार्ग | Line of Sight |
पौराणिक और साहित्यिक महत्व
नेत्र का पौराणिक और साहित्यिक महत्व भारतीय साहित्य और पौराणिक कथाओं में विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहा है। नेत्र के बारे में पौराणिक कथाओं में विविध रूपों में व्यक्ति की भावनाओं, दुख-सुख और जीवन की अनगिनत पहलुओं का वर्णन किया गया है।
पौराणिक महत्व
भारतीय पौराणिक कथाओं में देवी-देवताओं की आँखों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। देवी दुर्गा की नौ आँखों की कथा, जिनमें उन्होंने दुष्टरक्षस का वध करने के लिए अपनी नौ आँखों का उपयोग किया, विख्यात है। इसके साथ ही, विशेष रूप से महाभारत में कर्ण की उनकी आँखों की प्राप्ति की कथा भी महत्वपूर्ण है, जो उनके पिता सूर्य और माता कुंती के संबंध में है।
साहित्यिक महत्व
साहित्यिक दृष्टि से, नेत्र की भावनाओं, व्यक्तिगतता और समाजिक परिवर्तनों को व्यक्त करने के लिए उसका विशेष उपयोग होता है। कविता, कहानी, उपन्यास आदि में विभिन्न चरित्रों की आँखों के माध्यम से उनकी भावनाओं को प्रकट किया जाता है। इसके साथ ही, साहित्यिक कामों में दृष्टि के रंग, प्रकार और रूप का वर्णन करके भी कला का स्मरण किया जाता है।
निष्कर्ष
हम देखते हैं कि नेत्र मानव जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। यह हमें दुनिया को जानने, समझने और उससे जुड़ने का एक महत्वपूर्ण तरीका प्रदान करते हैं। नेत्रों के माध्यम से हम भावनाओं, विचारों और भाषा को व्यक्त करते हैं और उनके सहायक रूपों के माध्यम से अपने आस-पास की दुनिया को समझते हैं।
FAQ's
कटरकटनी (कैटरेक्ट) आँखों की प्रमुख समस्या होती है.
आँखों की सूजन का कारण थकान, आलर्जी, इन्फेक्शन आदि हो सकता है.
सनस्क्रीन और चश्मे आँखों की सुरक्षा के लिए उपयोगी होते हैं.
आँखों के आसपास आँखों के बाद वाली एक्सट्राओकुलर मांसपेशियाँ होती हैं.