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bhumi ka paryayvachi shabd

“भूमि” के पर्यायवाची शब्द जैसे “धरती”, “जमीन”, “जगह”, “क्षेत्र”, “अखिल”, और “निवास” उसके सामान्य अर्थ को विविधता से व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होते हैं। ये शब्द भूमि के विभिन्न पहलुओं और परिप्रेक्ष्यों को सुनिश्चित रूप से प्रकट करने में मदद करते हैं। “धरती” शब्द भूमि के प्राकृतिक सौंदर्य और जीवन के साथ जुड़े अर्थों को उत्कृष्ट ढंग से प्रकट करता है। “जमीन” शब्द भूमि के खेती-कृषि, निवास, या निर्माणादि के उपयोग को सार्थकता से दर्शाता है। “क्षेत्र” शब्द विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि शिक्षा, विज्ञान, खेल, आदि के संदर्भ में उपयोग होता है और उनके महत्व को प्रकट करता है। इन पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग करके हम भूमि के विभिन्न पहलुओं को संक्षिप्त रूप में समझ सकते हैं और उनका संदेश सार्थक ढंग से प्राप्त कर सकते हैं।

Table of Content

भूमि का पर्यायवाची शब्द 1024x680

परिचय

भूमि, हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है जिसका महत्व अत्यधिक है। यह हमारी मातृभूमि है जिसपर हम सभी जीवन की बुनाई करते हैं। यह न केवल हमारे आवास का स्थान होती है, बल्कि हमारे आहार, वस्त्र, और अन्य सभी आवश्यकताओं की प्राप्ति का मूल स्रोत भी है।

भूमि हमें अपने विविधता में भागीदार बनाती है, जैसे कि पर्वत, घाटी, नदियाँ, झीलें, जंगल, और मैदान। यह साथ ही हमें अनेक प्राकृतिक संसाधन भी प्रदान करती है, जैसे कि ऊर्जा, पानी, खाद्य, और औषधियाँ।

आजकल, भूमि की सुरक्षा और संरक्षण की आवश्यकता बढ़ गई है। वनस्पति, जीव-जन्तु, और प्राणियों की संरक्षण के लिए उचित देखभाल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमारे आने वाले पीढ़ियों के लिए स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण बनाने में मदद करेगा।

भूमि का संरक्षण करना हम सभी की जिम्मेदारी है। हमें उसके साथ सावधानीपूर्वक व्यवहार करना चाहिए ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ भी इसका आनंद उठा सकें। यह हम सबका कर्तव्य है कि हम भूमि के संरक्षण और सम्पर्क की दिशा में उचित कदम उठाएं, क्योंकि यह हमारे सभी के लिए ही सशक्त, स्वस्थ, और सुरक्षित भविष्य की नींव होगी।

पर्यायवाची शब्द

“भूमि” के पर्यायवाची शब्द:

  1. धरती
  2. जमीन
  3. जगह
  4. क्षेत्र
  5. अखिल
  6. निवास
  7. प्रदेश
  8. उपभूमि
  9. देश
  10. मातृभूमि
  11. पद
  12. क्षेत्रभूमि
  13. भूखंड
  14. प्रदेश
  15. नगर
  16. राज्य
  17. विस्तार
  18. स्थल
  19. क्षेत्र
  20. समुद्रतट
  21. प्रान्त
  22. स्थली
  23. परिदेश
  24. प्रदेश
  25. क्षेत्र
  26. भुवन
  27. देशभूमि
  28. नाम
  29. भूमंडल
  30. ग्राम

Synonyms of Bhumi

Synonyms for “भूमि” (land) in English:

  1. Earth
  2. Soil
  3. Ground
  4. Terrain
  5. Area
  6. Region
  7. Territory
  8. Territory
  9. Landmass
  10. Realm
  11. Locale
  12. Domain
  13. Place
  14. Country
  15. Locale
  16. State
  17. Zone
  18. Locale
  19. Plot
  20. Shoreline
  21. District
  22. Site
  23. Landscape
  24. Province
  25. Sector
  26. Globe
  27. Homeland
  28. Name
  29. Continent
  30. Village

भूमि शब्द का वाक्य में प्रयोग

  1. उसने अपने परिवार के लिए एक खुदाई भूमि खरीदी।
  2. वनस्पतियों से भरपूर यह भूमि उनके शिक्षा केंद्र के रूप में उपयोग हो रही है।
  3. गांव में बच्चे खुशी खुशी खेल रहे थे और अपनी साफ और हरी भूमि में उछल रहे थे।
  4. इस क्षेत्र में जलवायु और धरती की उपयोगिता के आधार पर खेती की जाती है।
  5. राष्ट्रीय उद्यान ने अपने सुन्दर प्राकृतिक दृश्यों के लिए मशहूर है। संरक्षण के उद्देश्य से, यहाँ की जंगली भूमि को संरक्षित करने के लिए कई पहलू उठाए जा रहे हैं।

‌‌‌भूमी के पर्यायवाची शब्दो के वाक्य में प्रयोग

  1. धरती: धरती पर बिखरी हुई हरियाली हर किसान की आँखों को आनंदित करती है।
  2. जमीन: किसान ने उस जमीन पर फसलें बो दी जो उसके पूरे परिवार की आजीविका का माध्यम बनती है।
  3. जगह: उन्होंने एक ऐसी जगह चुनी जहाँ पर्यावरण संरक्षण की प्राथमिकता बनी रहे।
  4. क्षेत्र: विज्ञान के क्षेत्र में नए अन्वेषणों ने नई दिशाएँ खोल दी हैं।
  5. अखिल: उसके प्रयासों के फलस्वरूप, उसकी मेहनत ने उसके जीवन को अखिल दुनिया में मशहूर किया।
  6. निवास: उनका निवास उस छोटे से गांव में है जहाँ शांति और सामाजिक समरसता बनी रहती 

भूमी के बारे में रोचक तथ्य

  1. बीजों की जिन्में की ताकत: भूमि में बीजों को अंधेरे से उजाले तक पहुंचाने में एक अद्वितीय प्रक्रिया होती है, जिसमें वे अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हैं।
  2. भूमि की उम्र के ब्यौरे में गहरी जानकारी: भूमि की उम्र का अनुमान लगाने के लिए वैज्ञानिकों के पास विभिन्न तकनीकी तत्व होते हैं, जैसे कि रेडियोकार्बन डेटिंग.
  3. भूमि की भौतिकी संरचना: भूमि के अंदर की संरचना के बारे में जानकारी के लिए गहराईयों में बोरिंग और ज्योलॉजिकल अनुसंधान किए जाते हैं।
  4. भूमि के विभिन्न प्रकार की खेती: विभिन्न भूमि प्रकारों में खेती करने के अलग-अलग तरीके होते हैं जैसे कि खलिहान, किसानी, बागवानी, आदि।
  5. भूमि और प्राकृतिक सौंदर्य: भूमि की प्राकृतिक सौंदर्यता जैसे कि पर्वतों की ऊँचाइयाँ, नदियों का सिन्धु सहायद्रि, और आकाश में रंगीन सूर्यास्त इसे रोमांचक बनाते हैं।
  6. भूमि की जैव विविधता: भूमि पर अनगिनत जीव-जंतु और वनस्पति प्रजातियाँ होती हैं, जिनके बारे में अनगिनत रोचक तथ्य होते हैं।
  7. भूमि के भौतिकी गुणधर्म: भूमि के विभिन्न भौतिकी गुणधर्म जैसे कि तापमान, आदि उसके प्रभावों को समझने में मदद करते हैं।
  8. भूमि और जलवायु परिवर्तन: भूमि के विभिन्न भागों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव विभिन्न तरीकों से प्रकट हो सकते हैं, जैसे कि बर्फ की गिरावट, बारिश की तीव्रता, आदि।
  9. भूमि और संस्कृति का संबंध: भूमि और संस्कृति के बीच गहरा संबंध होता है, जैसे कि विभिन्न स्थानों की विशेषता, भाषा, और स्थानीय शैली।
  10. भूमि के अर्थशास्त्रिक महत्व: भूमि की उपयोगिता और उसके संसाधनों का अर्थशास्त्र में महत्वपूर्ण योगदान होता है, 

भूमि क्या है

भूमि, पृथ्वी की उपरी परत यानी क्रस्ट की वह सतह होती है जिस पर हम चलते हैं, जिस पर घर बनाते हैं, खेती करते हैं और अन्य जीवन की गतिविधियाँ करते हैं। यह पृथ्वी की सबसे ऊपरी तिनमात्रिक परत है और यह समुद्रों, नदियों, झीलों, पर्वतों, घाटियों, जंगलों, क्षेत्रों, और नगरों से भरपूर है।

भूमि में विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ और जीव-जंतु प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनका वास और जीवन भूमि पर निर्भर करता है। यहाँ तक कि भूमि का अध्ययन भौतिक विज्ञान, भूगोल, जीवविज्ञान, खनिज शास्त्र, और अन्य विज्ञान क्षेत्रों में किया जाता है।

भूमि न केवल हमारे जीवन के आवास का स्थान होती है, बल्कि यह हमारी सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक विकास की भी मूल बुनाई होती है। खेती, उद्योग, वाणिज्य, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भूमि का महत्व अत्यधिक होता है

भूमि की उत्पत्ति कैसे हुई

भूमि की उत्पत्ति विभिन्न ग्रहों के गैसी और रासायनिक प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप हुई है, जो काफी लंबे समय तक चली गई। इसके लिए विभिन्न विज्ञानिक सिद्धांत हैं, जिनमें निम्नलिखित मुख्य सिद्धांत शामिल हैं:

  1. निकटिक ध्वनियाँ (Nebular Hypothesis): इस सिद्धांत के अनुसार, पूरे ब्रह्मांड की शुरुआत में एक बड़ा गैसी और धुएंदार घना स्थित था, जिसे “निकटिक” कहा जाता है। यह निकटिक समय-समय पर घटते घटते अपने आप को समाप्त करता गया और इसके फलस्वरूप सूर्य मण्डल में ग्रह और उपग्रह उत्पन्न हुए।
  2. अक्रेटियन (Accretion): इस सिद्धांत के अनुसार, ब्रह्मांड में छोटे धुएंदार टुकड़ों के मिलने से ग्रह और उपग्रह बनते गए। इन टुकड़ों का समूह बनाते हुए उनकी गुरुत्वाकर्षण से मिलने के प्रक्रिया को “अक्रेटियन” कहा जाता है
  3. व्यासकरण (Accretion Disk Theory): यह सिद्धांत सूर्यमण्डल में ग्रहों की उत्पत्ति को बताने के लिए प्रस्तावित किया गया है, जिसमें एक दिस्ता (डिस्क) उत्तल दिशा में घूमता है और उसमें धुएंदार रसायनिक और गैसी पदार्थ समय-समय पर ग्रहों और उपग्रहों के रूप में संघटित होते हैं

भूमि कितने प्रकार के होते है

दोस्तो पृथ्वी की सतह पर विभिन्न तरह के वनास्पतिक पेड पौधो और मिट्टी की गुणवता के साथ साथ कुछ अन्य बातो के आधार पर भूमि ‌‌‌के कुल प्रकार की होती है जो है –

1. (Forest land) क्योकी जंगल की भूमि ऐसी है जहां पर ‌‌‌पेड़ पौधे  प्रकाश अधिक मात्रा में पाए जाते है जिसके कारण से जंगल की भूमि को वन भूमि कहा जा सकता है ।

2. (Land That Is Suitable for Cultivation)
‌‌‌यह वह भूमि होती है जहां पर कृषि की जा कसती है । यानि वह भूमि जससे खेती के रूप मे किसी प्रकार के उत्पाद को प्राप्त किया जा सकता है । ऐसी भूमि को कृषी भूमि कहा जा सकता है । ‌‌‌इसे दूसरे शब्दो में इस तरह से भी समझा जा सकता है की वह स्थान जहां पर कृषी फसलों का कार्य होता है और उचित रूप मे उत्पाद प्राप्त किया जा सकता है । ऐसी फसली पौधो की भूमि को कृषी भूमि कहा जाता है । कृषी भूमि के नाम से ही समझ में आता है की जहां पर कृषी होती है ।

3. “Barren and uncultivable land”

इसके साथ ही इस तरह की भूमि को बंजर भूमि कहा जाता है । ‌‌‌क्योकी बंजर भूमि वही होती है जहां पर किसी प्रकार का उत्पादन प्राप्त नही किया जा सकता है । और जहां पर कृषी नही की जा सकती है वह भूमि कृषी के योग्य नही होती है और जो योग्य नही होती है उसे कृषी अयोग्य भूमि कहा जाता है ।

4. गैर-कृषि उपयोग हेतु प्रयुक्त भूमि ‌‌‌इस तरह की श्रेणी में उन सभी भूमि को सामिल किया गया है जो की कृषी के योग्य तो है मगर वहां पर किसी अन्य कार्य के कारण से कृषि नही की जा सकती है और समय के साथ वह भूमि कृषी के अयोग्य भी हो जाती है जैसे – भवन, सड़क, रेलमार्ग आदी ।

इस तरह की भूमि को कृषी योग्य या अयोग्य कहा जा सकता है ‌‌‌क्योकी इस तरह की भूमि को कृषी के लिए न तो प्रयोग मे लाया जाता है और न ही कभी प्रयोग मे लाया जा सकता है । हालाकी रेलमार्ग की कुछ भूमी का उपयोग कृषि के लिए कर कसते है मगर यह मान्य नही होता है ।

5. वृक्षों एवं झाड़ियों के अंतर्गत भूमि ‌‌‌इसके अंतरगत वह भूमि आती है जो की वृक्षो या झाडियो के कारण से कृषी के उपयोग मे नही आती है । यानि जहां पर वृक्षों एवं झाड़ियों की संख्या अधिक होती है ऐसी भूमि को इस श्रेणी मे सामिल किया गया है । इस तरह की श्रेणी मे वह भी भूमि सामिल की जा कसती है जो की सरकारी कार्यकाल कें अंदर आती है और ‌‌‌जहां पर फिलहाल वृक्षो और झाडियो की संख्या अधिक है । कुछ इस तरह के स्थान भी होते है जहा पर वृक्षो और झाडियो की संख्या अधिक होती है ।

6. स्थायी चारागाह एवं पशुचारण, ‌‌‌इस श्रेणी के अंदर उन सभी भूमि को सामिल किया गया है जो की मुख्य रूप से पशुओ के उपयोग के लिए होती है ‌‌‌जिसे पशुपालन और पशुओ के चारे के लिए उपयोग मे लिया जाता है ।

भ से शुरू होने वाले अन्य पर्यायवाची शब्द

1. भव – दुनिया, संसार, विश्व, जग, जहाँ आदि। 
2. भंडारी – रसोइया, खानसामा, महाराज, रसोईदार आदि।  
3. भोजन – आहार, खाना, खाद्यय सामग्री, भोज्य सामग्री आदि।
4. भरोसा – विश्वास, यकीन, ऐतबार, अक़ीदा आदि। 
5. भक्त – आराधक, उपासक, पुजारी, अर्चक, पूजक आदि। 
6. भंगुर – अनित्य, नाशवान, विनश्वर, नश्वर, क्षर आदि।
7. भंवरा – मधुकर, मिलिंद, भ्र्मर, अलिंद, भौंरा आदि।
8. भाला – शलाका, बरछा, कुंत, नेजा, बर्छा आदि। 
9. भूषण – जेवर, गहना, आभूषण, अलंकार आदि।
10. भारती – वागीशा, शारदा, सरस्वती, वाग्देवी, वीणावादिनी आदि।

उदाहरण

पर्यायवाची शब्द अर्थ
भूमि जगह, जमीन, ज़मीन, क्षेत्र, प्रदेश, स्थल, जागह, क्षेत्र, उपभुमि आदि
जगह स्थान, स्थल, क्षेत्र, दिशा, आस-पास, वातानुकुलित स्थान
स्थल भूमि, जगह, क्षेत्र, ज़मीन, परिस्थिति, आस-पास, जगह, समय
क्षेत्र भूमि, प्रदेश, क्षेत्र, स्थल, क्षेत्र, परिस्थिति, एक विशेष दिशा में स्थान
प्रदेश क्षेत्र, स्थान, भूमि, जगह, स्थल, आकृति, विशेष स्थान, विस्तार में भाग
जागह स्थान, जगह, क्षेत्र, परिस्थिति, आस-पास, वातानुकुलित स्थान
विस्तार परिस्थिति, क्षेत्र, स्थान, प्रदेश, स्थल, आकृति, एक विशिष्ट दिशा में स्थान
उपभुमि भूमि, सुविधानुसार उपयुक्त भूमि, अधिकारिकता से प्रबंधित भूमि
स्थान जगह, स्थल, क्षेत्र, परिस्थिति, आस-पास, वातानुकुलित स्थान

FAQs

भूमि का प्राथमिक अर्थ होता है “जगह” या “ज़मीन”, जिस पर हम चलते हैं, खेती करते हैं और विभिन्न गतिविधियाँ करते हैं।

भूमि कई प्रकार की होती है जैसे कि उपजाऊ भूमि, अनुपजाऊ भूमि, आरामदायक भूमि, निवासी भूमि, वाणिज्यिक भूमि, औद्योगिक भूमि, स्थानीय वन्यजीव अभ्यारण्य, जलवायु संरक्षित क्षेत्र आदि।

भूमि मानव जीवन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस पर हमारे आवास, खाद्य, जल, ऊर्जा और अन्य सामग्री की प्राप्ति होती है और यह हमारी आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास की मूल बुनाई होती है।

भूमि का अध्ययन भौतिक विज्ञान, भूगोल, जीवविज्ञान, खनिज शास्त्र, आदि में किया जाता है। यह विज्ञान क्षेत्रों में जीवन की उत्तपत्ति, जलवायु परिवर्तन, भूकम्पों, जलवायु बदलाव, खनिज संसाधनों का अध्ययन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भूमि का प्रयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जैसे कि खेती, उद्योग, वाणिज्य, वन्यजीव संरक्षण, निवास, औद्योगिक विकास, पर्यटन, और मनोरंजन के लिए।