पर्वत का पर्यायवाची शब्द (parvat ka paryayvachi shabd) यानी पर्वत के समान अर्थ रखने वाले शब्दों की एक विस्तृत सूची प्रस्तुत करेंगे। यह सूची आपको पर्वत के विभिन्न पर्यायवाची शब्दों के बारे में जानकारी प्रदान करेगी, जिनका उपयोग आप विविध रूपों में कर सकते हैं
परिचय
पर्वत, जो हिमालय, विन्ध्य, अरावली, और उनकी तरह कई उच्च स्थानों का पर्यायवाची है, एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक रूप है जो हमारी पृथ्वी पर विभिन्न भूभागों में पाया जाता है। ये ऊँचाइयों और प्राकृतिक सौंदर्य की विशेषताओं से भरपूर होते हैं और जीव-जंतुओं के निवासस्थल, खनिज संसाधनों की खान, और पर्यटन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पर्वत के सौंदर्य, आध्यात्मिक महत्व, और आवासीयता ने इसे विभिन्न साहित्यिक, धार्मिक, और सांस्कृतिक कथाओं में भी महत्वपूर्ण बनाया है।
Parvat के पर्यायवाची शब्द:
पर्यायवाची शब्द | मतलब |
---|---|
अचल | अगण्यता |
गिरिव्रज | पहाड़ी |
शैल | पर्वत |
पर्वतल | अचल |
ध्रुव | निश्चल |
अभय | निर्भीक |
बृहद् | विशाल |
केतु | पर्वतीय |
मेरु | शैल |
हेमधर | सोनेवाला |
मलय | उच्च |
पर्वताकर | पर्वतीय |
पर्वतगिरि | पर्वतीय |
अपर्वत | अपर्वतीय |
गिरिनगर | पर्वत |
अपर्व | अपर्वतीय |
नाग | सर्प |
नगन | सर्पिणी |
शंख | शंख |
पर्वताधीश | पर्वतीय |
अनु | पर्वतीय |
कुल | वंश |
उच्च | उच्चतम |
सुमेरु | पर्वत |
गिरिकुल | पर्वतीय |
सुपर्वत | उच्च पर्वत |
गिरिवान | पर्वतीय |
सिन्धुपर्व | पर्वत |
नर्मदा | नदी |
गिरिगुहा | गुफा |
गिरिराज | पर्वतीय |
पर्वत का महत्व:
पर्वत हमारे पृथ्वी की महत्वपूर्ण धातुओं की खान होते हैं। इनमें सोना, चांदी, तांबा, स्वर्णमाक्षी, अयस्क, आदि मूल धातुएं पाई जाती हैं जो खनिज संसाधनों का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। यह खनिज संसाधन हमारी आर्थिक व्यवस्था में योगदान करते हैं और उद्योगों को सामग्री प्राप्त करने में मदद करते हैं।
पर्वतों के ऊँचाइयों में बर्फबारी होती है, जिससे नदियों का पानी बर्फ के रूप में संचित होता है और यह नदियों के पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित करता है। यह पानी नहीं सिर्फ पीने के लिए महत्वपूर्ण होता है, बल्कि खेती और उद्योगों में भी उपयोग होता है।
पर्वत स्थलीय पारिस्थितिकी और जीव-जंतुओं के निवासस्थल के रूप में भी महत्वपूर्ण होते हैं। यहाँ पर्वतीय वन्यजीवों, पक्षियों, पौधों और जलवायु की विविधता होती है, जिनका जीवन भूमि के नैतिकता और पर्यावरण के संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है।
पर्वतों की ऊँचाइयों पर आध्यात्मिक तपस्या का माहत्वपूर्ण स्थान होता है। यहाँ ऋषि-मुनियों ने शांति और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में तपस्या की है।
इसके साथ ही, पर्वतों का आकर्षण भी पर्यटन के लिए होता है। ऊँचाइयों, प्राकृतिक सौंदर्य, बर्फ की चादर, और पर्यावरण की शांति ने पर्वतीय क्षेत्रों को पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बनाया है।
इस प्रकार, पर्वत हमारे जीवन में आर्थिक, पारिस्थितिकी, वन्यजीव और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
पर्यायवाची शब्दों के अर्थ और उनके अंग्रेजी अर्थ
पर्यायवाची शब्द | मतलब | अंग्रेजी अर्थ |
---|---|---|
अचल | अगण्यता | Immeasurable |
गिरिव्रज | पहाड़ी | Mountainous |
शैल | पर्वत | Mountain |
पर्वतल | अचल | Immobile |
ध्रुव | निश्चल | Stationary |
अभय | निर्भीक | Fearless |
बृहद् | विशाल | Vast |
केतु | पर्वतीय | Mountainous |
मेरु | शैल | Mountain |
हेमधर | सोनेवाला | Golden-hued |
मलय | उच्च | High |
पर्वताकर | पर्वतीय | Mountainous |
पर्वतगिरि | पर्वतीय | Mountainous |
अपर्वत | अपर्वतीय | Non-mountainous |
गिरिनगर | पर्वत | Mountain |
अपर्व | अपर्वतीय | Non-mountainous |
नाग | सर्प | Serpent |
नगन | सर्पिणी | Female serpent |
शंख | शंख | Conch shell |
पर्वताधीश | पर्वतीय | Lord of mountains |
अनु | पर्वतीय | Mountainous |
कुल | वंश | Lineage |
उच्च | उच्चतम | Highest |
सुमेरु | पर्वत | Mountain |
गिरिकुल | पर्वतीय | Mountainous |
सुपर्वत | उच्च पर्वत | High mountain |
गिरिवान | पर्वतीय | Mountainous |
सिन्धुपर्व | पर्वत | Mountain |
नर्मदा | नदी | River Narmada |
गिरिगुहा | गुफा | Cave |
गिरिराज | पर्वतीय | King of mountains |
पौराणिक और साहित्यिक महत्व
पर्वत का पौराणिक और साहित्यिक महत्व बहुत गहरा है। इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं, महत्वपूर्ण घटनाएं और साहित्यिक कृतियाँ हैं जो इसे एक आदर्श और प्रेरणास्त्रोत बनाती हैं।
पौराणिक महत्व
पर्वत भारतीय पौराणिक कथाओं और महाकाव्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वेदों से लेकर पुराणों तक कई धार्मिक और काव्यिक कथाएं पर्वतों के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत की गई हैं। हिन्दू मिथोलॉजी में केदारनाथ, अमरनाथ, गोवर्धन पर्वत, मेरु पर्वत, कैलाश पर्वत आदि कई पर्वतों को भगवान की निवासस्थली माना गया है। पौराणिक कथाओं में पर्वतों के विशेष स्थान, तपस्या स्थल, आश्रम आदि का वर्णन होता है जिनमें देवता, ऋषि, और संत आदि का आदर किया गया है।
साहित्यिक महत्व
पर्वत साहित्य में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संस्कृत साहित्य में एक प्रमुख काव्य “कुमारसम्भव” के रचयिता कालिदास ने पर्वतों के सौंदर्य, प्राकृतिक विविधता, और वन्यजीवों के जीवन को वर्णन किया है। भारतीय साहित्य में पर्वतों को उपनिषदों से लेकर महाकाव्यों और काव्य ग्रंथों में अद्वितीयता और प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक माना गया है।
पर्वतों के चरणों में होने वाली तपस्या, विचारधारा और उनके साथी वन्यजीवों के साथ कई किस्से साहित्य में प्रस्तुत किए गए हैं, जो उनके उपासकों को आदर्श जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं।
निष्कर्ष
पर्वत हमारे समृद्धि, सौंदर्य, और आध्यात्मिकता की प्रतीक है। इन्हें हमारी पृथ्वी की मुख्य धातुओं में से एक माना जाता है और इनका महत्व भारतीय पौराणिक और साहित्यिक कथाओं में भी अत्यधिक है। पर्वतों के उपनिषदों से लेकर साहित्य और कला में उनके विशेष स्थान का वर्णन होता है, जिनसे हमें आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। पर्वत हमारे प्राकृतिक संसाधनों की धरोहर हैं और उनकी सुरक्षा और संरक्षण के लिए हमारी जिम्मेदारी है। इसके साथ ही, पर्वतों के चरणों में होने वाली तपस्या और विचारधारा हमें आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में प्रेरित करती हैं। इस प्रकार, पर्वत हमारे समृद्धि, सौंदर्य और आध्यात्मिकता के साथ-साथ साहित्य और संस्कृति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
FAQ's
पर्वतों का महत्व खनिज संसाधनों, पानी की आपूर्ति, वन्यजीवों के निवास, पर्यटन और आध्यात्मिकता में होता है।
हिमालय पर्वत श्रेणी का कैलाश मानसरोवर पर्वत सबसे ऊँचा माना जाता है।
पर्वत ऊँचाइयों, जीवन की प्राकृतिक स्थितियों और संरचनाओं के आधार पर कई प्रकार के होते हैं, जैसे कि विंध्य, अरावली, हिमालय आदि।
पर्वतों में सोना, चांदी, तांबा, लोहा, यहाँ तक कि दूरबी, मिका, अयस्क आदि खनिज पाए जाते हैं।