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What is Apadravya Meaning in hindi

Apadravya Meaning “अपद्रव्य” एक संस्कृत शब्द है जो किसी वस्त्र, आभूषण, या सामग्री के अभाव को संकेत करता है। इस शब्द का उपयोग विशेष रूप से पुराने संस्कृतियों और शास्त्रों में होता है, जहां यह अभाव को दर्शाने या उसकी व्याख्या के लिए प्रयुक्त होता है। अपद्रव्य शब्द का उपयोग धार्मिक और साहित्यिक विधाओं में भी किया जाता है, जहां इसका महत्वपूर्ण रोल होता है।

Apadravya Meaning की परिभाषा

“अपद्रव्य” एक संस्कृत शब्द है जो सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ में विशेष महत्व रखता है। यह शब्द वास्त्र, आभूषण, या सामग्री के अभाव को संकेत करता है। “अपद्रव्य” शब्द का अर्थ होता है “अभाव का संकेत” या “अवशेष”। इसे धार्मिक और साहित्यिक काव्यों में उपयोग किया जाता है, जहां इसका महत्वपूर्ण स्थान होता है। अपद्रव्य का अर्थ अनिर्दिष्ट या अव्यक्त होता है, जो किसी वस्तु की अभाव को संकेत करता है। इसे अक्सर संस्कृत कविताओं और वेदों में प्रयोग किया जाता है, जहां यह आध्यात्मिक और धार्मिक अर्थ में प्रयोग किया जाता है। अपद्रव्य के इस विशेष शब्द का प्रयोग भाषांतर में, साहित्य, और कला में भी किया जाता है, जहां इसका अर्थ अक्सर अनिर्दिष्टता और रहस्य को दर्शाने के लिए किया जाता है। धार्मिक संदर्भ में, अपद्रव्य शब्द अक्सर उपनिषदों और वेदों में पाया जाता है। यह शब्द अध्यात्मिक साधना, उपासना, और वैराग्य के प्रतीक के रूप में प्रयोग किया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में, अपद्रव्य का प्रयोग आत्मा के पारमार्थिक स्वरूप को समझने के लिए किया जाता है, जो संवेदना और श्रद्धा के अभाव के प्रतीक होता है। साहित्यिक संदर्भ में, अपद्रव्य का उपयोग गहराई, रहस्य, और अनिर्दिष्टता के अभिवादन के लिए किया जाता है। इसे कविताओं, कहानियों, और उपन्यासों में प्रयोग किया जाता है ताकि पाठक अपद्रव्य के माध्यम से भावनात्मक अर्थ को समझ सकें। अपद्रव्य का प्रयोग छद्म, अस्पष्ट, और गहराई के संवाद के लिए भी किया जाता है। यह साहित्य में रहस्य और अद्भुतता का माध्यम भी बनता है, जो पाठक को विचार करने और समझने के लिए प्रेरित करता है। अपद्रव्य की परिभाषा में आध्यात्मिक, साहित्यिक, और सामाजिक अर्थ होते हैं। यह शब्द सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं में गहरा संदेश लेकर आता है, जो हमें अनुभव, ध्यान, और समझ के माध्यम से अपने जीवन के अनन्त संशायन और रहस्यों को समझने के लिए प्रेरित करता है।

Apadravya Meaning के उदाहरण

“अपद्रव्य” शब्द का उपयोग कई सांस्कृतिक और साहित्यिक काव्यों में किया जाता है, जहां इसका अर्थ अभाव और अनिर्दिष्टता को संकेत करता है। यहां कुछ उदाहरण हैं जिनमें “अपद्रव्य” शब्द का प्रयोग होता है: काव्यों में: संस्कृत काव्यों में, अपद्रव्य का उपयोग विविधता और गहराई को दर्शाने के लिए किया जाता है। इसे कवियों द्वारा कठिन या अज्ञात भावों को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के रूप में, कवि अपद्रव्य का उपयोग करके अपनी भावनाओं को समझाते हैं जो शब्दों में साधा नहीं जा सकता। उपन्यासों में: साहित्यिक उपन्यासों में भी, अपद्रव्य का प्रयोग किया जाता है ताकि पाठक को गहराई और अनिर्दिष्टता का अनुभव हो सके। यह उपन्यासिक कथाओं को अद्भुतता और रहस्य के साथ भर देता है और पाठक को उत्तेजित करता है। धार्मिक ग्रंथों में: अपद्रव्य का उपयोग धार्मिक ग्रंथों में भी होता है, जैसे कि उपनिषदों और वेदों में। यह ग्रंथों में आत्मा के गहराईक अर्थ और अनन्त संशायन को समझने के लिए किया जाता है। लोककथाओं में: अपद्रव्य का उपयोग लोककथाओं और किस्सों में भी किया जाता है। यह किस्से और कहानियों को रहस्यमय और गहराई से भर देता है, जो पाठकों को उत्तेजित करता है। काव्य और संगीत में: अपद्रव्य का उपयोग कविता और संगीत में भी होता है, जहां इसका महत्वपूर्ण रोल होता है। यह कविताओं और संगीत में गहराई और अद्भुतता को बढ़ाता है। इन उदाहरणों से प्रकट होता है कि “अपद्रव्य” शब्द का उपयोग साहित्य, कला, और धार्मिक ग्रंथों में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह शब्द भावनात्मक और आध्यात्मिक अनुभवों को संवादित करने का माध्यम है और पाठकों को गहराई और रहस्यमयता के अनुभव कराता है।

Apadravya Meaning के समानार्थी

“अपद्रव्य” शब्द के समानार्थी कई हो सकते हैं, जो उसके अर्थ और प्रयोग के संदर्भ में अलग-अलग होते हैं। यहां कुछ मुख्य समानार्थी शब्द हैं जो “अपद्रव्य” के लिए प्रयुक्त किए जा सकते हैं और उनकी व्याख्या: अवस्था: “अवस्था” शब्द एक समयावधि या स्थिति को संकेत करता है। जैसे कि, किसी व्यक्ति की भावनात्मक अवस्था या सामाजिक अवस्था। यह अपद्रव्य के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है ताकि उसका अर्थ गहराई और संवेदनशीलता में बढ़ावा मिले। अनुपस्थिति: “अनुपस्थिति” शब्द अभाव या अनुपस्थिति को दर्शाता है। यह भी अपद्रव्य के समानार्थी के रूप में प्रयुक्त किया जा सकता है, जिससे उसका अर्थ और गहराई समझ में आती है। खालीपन: “खालीपन” शब्द भी अभाव या अनुपस्थिति को संकेत करता है। यह एक और समानार्थी है जो अपद्रव्य के संदर्भ में प्रयुक्त किया जा सकता है, जिससे भावनात्मक और गहराई का अनुभव हो। शून्यता: “शून्यता” शब्द अभाव और खालीपन को दर्शाता है। यह भी “अपद्रव्य” के समानार्थी शब्द के रूप में प्रयोग किया जा सकता है, जिससे उसका अर्थ और गहराई समझ में आती है। शून्य: “शून्य” शब्द भी अभाव और खालीपन को संकेत करता है। यह अपद्रव्य के समानार्थी शब्द के रूप में उपयुक्त हो सकता है, जिससे उसका अर्थ और गहराई समझ में आती है। सुन्नता: “सुन्नता” शब्द भी अभाव और अनुपस्थिति को संकेत करता है। यह भी अपद्रव्य के समानार्थी शब्द के रूप में प्रयोग किया जा सकता है जो उसके अर्थ को समझ में आती है। सूनित: “सूनित” शब्द भी अभाव और अनुपस्थिति को दर्शाता है। यह भी “अपद्रव्य” के समानार्थी शब्द के रूप में प्रयोग किया जा सकता है, जिससे उसका अर्थ और गहराई समझ में आती है। ये समानार्थी शब्द अपद्रव्य के अर्थ को और समझने में मदद कर सकते हैं, और उसकी व्याख्या में विविधता और संवेदनशीलता को ला सकते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करके, अपद्रव्य के साथ अर्थ संदेश को बढ़ावा दिया जा सकता है और पाठक को गहराई और रहस्यमयता का अनुभव हो सकता है।

Apadravya Meaning के विलोमार्थी

“अपद्रव्य” के विलोमार्थी शब्दों को समझने से पहले हमें इस शब्द के मूल अर्थ को समझना चाहिए। “अपद्रव्य” शब्द संस्कृत में “अभाव” या “अनुपस्थिति” का संकेत करता है। इसके विलोमार्थी शब्द वह होते हैं जो “अभाव” का पूर्णत: उल्लेख करते हैं, अर्थात जो कुछ विद्यमान होता है। उपलब्धि: “उपलब्धि” शब्द अपद्रव्य के विलोमार्थी है। यह वह स्थिति या स्थिति होती है जब कुछ विद्यमान होता है या उपलब्ध होता है। उदाहरण के लिए, जब आपके पास सामग्री, धन, या अन्य संसाधन होते हैं, तो उपलब्धि होती है। वर्तमान: “वर्तमान” शब्द भी “अपद्रव्य” के विलोमार्थी है। यह उस समय को संकेत करता है जब कुछ विद्यमान होता है या घटित होता है। इसका उपयोग समय के संदर्भ में किया जाता है। प्राप्त: “प्राप्त” शब्द भी अपद्रव्य के विलोमार्थी है। यह वह स्थिति होती है जब कुछ वस्तु या ज्ञान प्राप्त होता है। उदाहरण के लिए, जब आप किसी वस्तु को हाथ में लेते हैं या किसी ज्ञान को प्राप्त करते हैं, तो वह “प्राप्त” होता है। उपस्थित: “उपस्थित” शब्द भी “अपद्रव्य” के विलोमार्थी है। यह वह स्थिति होती है जब कुछ वस्तु या व्यक्ति उपस्थित होती है। समर्पित: “समर्पित” शब्द भी “अपद्रव्य” के विलोमार्थी है। यह उस समय को संकेत करता है जब कुछ वस्तु या कार्य किया जाता है या जिसमें कोई संलग्नता होती है। अधिकृत: “अधिकृत” शब्द भी “अपद्रव्य” के विलोमार्थी है। यह वह स्थिति होती है जब किसी को कोई प्राधिकार होता है या कुछ वस्तु किसी के अधीन होती है। उचित: “उचित” शब्द भी “अपद्रव्य” के विलोमार्थी है। यह वह स्थिति होती है जब कुछ सही या उचित होता है। इन विलोमार्थी शब्दों के माध्यम से हम अपद्रव्य के विपरीत अर्थ को समझ सकते हैं, जिससे हमें उसके संदर्भ में और गहराई से जानकारी प्राप्त होती है। इन शब्दों का प्रयोग करके, हम वस्तुओं की प्राकृतिक स्थिति और संदर्भ को समझ सकते हैं, जिससे हमें विवेकपूर्ण और संयुक्त दृष्टिकोण प्राप्त होता है।

Apadravya Meaning का महत्व

“अपद्रव्य” का महत्व भाषा, साहित्य, धर्म, और सामाजिक दृष्टिकोण से समझा जा सकता है। यह शब्द अपनी अनन्तता और गहराई के कारण महत्वपूर्ण है। भाषा में महत्व: “अपद्रव्य” शब्द का उपयोग भाषा में भावनाओं और अवस्थाओं को समझाने के लिए किया जाता है। यह शब्द उन भावनाओं और अनुभवों को संकेत करता है जो कई बार शब्दों में व्यक्त नहीं किए जा सकते। इसके माध्यम से, लेखक और कवि अपने काव्य में गहराई और अद्भुतता को व्यक्त कर सकते हैं। साहित्यिक महत्व: साहित्य में, “अपद्रव्य” का प्रयोग गहराई और अद्भुतता को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह कविताओं, कहानियों, उपन्यासों और नाटकों में उपयुक्त होता है, जिससे पाठकों को विचार करने और समझने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। धार्मिक महत्व: धार्मिक संदर्भ में, “अपद्रव्य” का प्रयोग आत्मा के पारमार्थिक स्वरूप को समझने के लिए किया जाता है। यह शब्द आध्यात्मिक अनुभवों और ध्यान के अभाव को संकेत करता है, जो विश्वास और समर्पण के माध्यम से ही समझे जा सकते हैं। सामाजिक महत्व: सामाजिक दृष्टिकोण से, “अपद्रव्य” व्यक्तिगत और सामाजिक अनुभवों को समझाने के लिए महत्वपूर्ण है। यह शब्द समाज में गहराई और रहस्यमयता को संकेत करता है, जिससे लोग एक-दूसरे के साथ और अपने भीतरी अनुभवों को समझ सकते हैं। अपद्रव्य का महत्व भाषा, साहित्य, धर्म, और सामाजिक अनुभवों में विशेष है। यह शब्द हमें गहराई और अद्भुतता को समझने का माध्यम प्रदान करता है, जिससे हमारा जीवन और संबंध और भी सामृद्ध होते हैं।

Apadravya Meaning के लाभ

“अपद्रव्य” का मतलब और इसके उपयोग से कई लाभ होते हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में महसूस किए जा सकते हैं। निम्नलिखित में से कुछ महत्वपूर्ण लाभ हैं: भाषा में गहराई और अद्भुतता का अनुभव: “अपद्रव्य” का उपयोग भाषा में गहराई और अद्भुतता को बढ़ाता है। इसके माध्यम से, लेखक और कवि अपने भावनात्मक और आत्मिक अनुभवों को समझाते हैं, जो कि शब्दों में साधा नहीं जा सकता। विचारों को संवादित करना: अपद्रव्य का प्रयोग विचारों, धारणाओं और अनुभवों को संवादित करने में मदद करता है। यह लोगों को अपने भावनात्मक और आत्मिक संवाद को समझने में मदद करता है, जिससे उनका अभिवादन और समझ में वृद्धि होती है। साहित्यिक और कलात्मक उत्प्रेरणा: अपद्रव्य का प्रयोग साहित्यिक और कलात्मक उत्प्रेरणा को बढ़ाता है। यह कविताओं, कहानियों, उपन्यासों, नाटकों और अन्य कला-साधनों में अद्वितीयता और अभिव्यक्ति को उत्पन्न करता है। ध्यान और मनोविज्ञानिक स्थिरता: अपद्रव्य का प्रयोग ध्यान और मनोविज्ञानिक स्थिरता को बढ़ाता है। यह लोगों को अपने अंतर्मन के गहराई में जाने और समझने में मदद करता है, जिससे उनका ध्यान और आत्मविश्वास बढ़ता है। सामाजिक और आत्मिक समृद्धि: अपद्रव्य का प्रयोग सामाजिक और आत्मिक समृद्धि को बढ़ाता है। यह लोगों को अपने आत्मविकास और सामाजिक संबंधों में गहराई और समर्पण की भावना प्रदान करता है। धार्मिक और आध्यात्मिक विकास: अपद्रव्य का प्रयोग धार्मिक और आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करता है। यह लोगों को आत्मा के पारमार्थिक स्वरूप को समझने में मदद करता है, जिससे उनका आध्यात्मिक जीवन और संबंध बलवान और संगीतमय होता है। अपद्रव्य का उपयोग शब्दों के साथ गहराई और अद्भुतता को व्यक्त करने में मदद करता है, जो लोगों के भावनात्मक, साहित्यिक, धार्मिक और सामाजिक अनुभवों को समृद्ध करता है। यह एक अद्वितीय और उत्कृष्ट उपाय है जो हमें अपने अंतर्मन के साथ जोड़ता है और हमारे जीवन को विशेष और सार्थक बनाता है।

Apadravya Meaning का सामाजिक प्रभाव

“अपद्रव्य” का सामाजिक प्रभाव व्यक्तिगत, सामाजिक, और सांस्कृतिक स्तर पर महत्वपूर्ण है। यह शब्द लोगों के सामाजिक और मानसिक जीवन में विभिन्न तरीकों से प्रभाव डालता है। भाषा में विविधता का प्रोत्साहन: “अपद्रव्य” का उपयोग भाषा में विविधता को बढ़ाता है। यह लोगों को नई और अद्वितीय विचारों को समझने और व्यक्त करने की प्रेरणा देता है। इससे समाज में विचारों और धारणाओं की गहराई बढ़ती है और सामाजिक संबंधों में समृद्धि होती है। साहित्यिक और कला में समृद्धि: “अपद्रव्य” का प्रयोग साहित्यिक और कला में समृद्धि को बढ़ाता है। यह लोगों को विचारों, अनुभवों, और आध्यात्मिकता को समझने और व्यक्त करने के लिए प्रेरित करता है। इससे समाज में साहित्यिक और कलात्मक उत्प्रेरणा का स्तर बढ़ता है। सामाजिक संबंधों में सहयोग: अपद्रव्य का प्रयोग सामाजिक संबंधों में सहयोग को बढ़ाता है। यह लोगों को एक-दूसरे की भावनाओं और अनुभवों को समझने में मदद करता है, जिससे समाज में एकता और समरसता का माहौल बनता है। सामाजिक बदलाव को प्रोत्साहन: अपद्रव्य का प्रयोग सामाजिक बदलाव को प्रोत्साहित करता है। यह लोगों को समाज में समस्याओं और अवसाद का सामना करने के लिए प्रेरित करता है और नई सोच और उपायों को प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करता है। धार्मिक समृद्धि: अपद्रव्य का प्रयोग धार्मिक समृद्धि को बढ़ाता है। यह लोगों को आत्मानुभव, संदेश, और संस्कृति के प्रति अधिक समर्पित और आत्मसमर्पित बनाता है। “अपद्रव्य” का सामाजिक प्रभाव समाज में समृद्धि, समरसता, और संबंधों में गहराई लाता है। यह शब्द लोगों को नई सोच, उत्साह, और सामर्थ्य के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है और समाज को एक समृद्ध और संवेदनशील समाज बनाने में सहायक होता है।

FAQS About Apadravya Meaning

1. क्या “अपद्रव्य” का कोई अर्थ है?

हां, “अपद्रव्य” एक संस्कृत शब्द है जिसका मतलब “अभाव” या “अनुपस्थिति” होता है।

2. “अपद्रव्य” का क्या महत्व है?

“अपद्रव्य” का प्रयोग भाषा, साहित्य, धर्म, और सामाजिक संदर्भों में गहराई और अद्भुतता को समझाने के लिए किया जाता है।

3. “अपद्रव्य” का क्या उपयोग है?

“अपद्रव्य” का उपयोग विचारों, धारणाओं, और अनुभवों को संवादित करने, साहित्यिक और कलात्मक उत्प्रेरणा को बढ़ाने, और सामाजिक संबंधों में सहयोग करने के लिए किया जाता है।

4. “अपद्रव्य” का क्या अर्थ है सामाजिक प्रभाव?

“अपद्रव्य” का सामाजिक प्रभाव समाज में समृद्धि, समरसता, और संबंधों में गहराई लाता है, जिससे लोगों का ध्यान और समर्थन बढ़ता है।

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