IVF full form in Hindi, या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन, एक प्रजनन प्रौद्योगिकी प्रक्रिया है जिसमें बच्चे की जनन ऊत्सर्जन लैबोरेटरी में किया जाता है। यह तकनीक उन जोड़ों के लिए है जो बच्चे प्राप्त करने में समस्या उठा रहे हैं, जैसे कि ओव्यूलेशन की समस्या, गर्भाशय के रुखान या स्पर्म की कमी।
IVF की प्रक्रिया में, महिला के ओवरीज़ को हर्मोनल उत्तेजन द्वारा जगहां यात्रा करने के लिए तैयार किया जाता है, और फिर ओवरीज़ से अधिकतम संभावित अंडों को एक समय में प्राप्त करने के लिए हटाया जाता है। इन अंडों को उत्तेजित किया जाता है और फिर सम्बद्ध जीवंत स्पर्म के साथ इन्हें विशेष प्रयोगशाला में प्राणी तात्विक रूप से गर्भाशय के अंदर फर्टिलाइजेशन के लिए मिलाया जाता है। एक बार जब एंब्रियो बन जाता है, तो यह गर्भाशय में स्थापित किया जाता है, और अंत में गर्भाशय में ग्रेगरी पश्चिम द्वारा प्राणी के अगले चरण में लाया जाता है।
IVF की ऐतिहासिक उपलब्धियाँ: एक संक्षिप्त इतिहास
IVF एक महत्वपूर्ण प्रजनन प्रौद्योगिकी है जिसने निराश या असमर्थ जोड़ों के लिए आशा की जगह बदल दी। इसका विकास एक लंबे और निरंतर प्रक्रिया था जिसमें कई वैज्ञानिक, चिकित्सा और नैतिक मुद्दे शामिल थे। यहां IVF की महत्वपूर्ण मील के पत्थरों की एक संक्षिप्त झलक है:
- 1978: लैनडन में पहला टेस्ट ट्यूब बेबी:डॉ. पीटर स्टेनज़ के नेतृत्व में, ब्रिटेन के एक टीम ने लैनडन के एक अस्पताल में पहला टेस्ट ट्यूब बेबी जन्म दिया। इस घटना ने IVF की विश्वभर में मान्यता प्रदान की।
- 1983: पहला IVF बच्चा भारत में:डॉ. जायन्त गुप्ता के नेतृत्व में, भारत के मुंबई में पहला बच्चा IVF तकनीक का उपयोग करके जन्म हुआ।
- 1992: पहली परिप्रेक्ष्य अंडोगत प्रजनन:ऑस्ट्रेलिया के डॉ. कैरोल वूड्स ने पहली बार एक महिला की खांसी से लिए गए अंडों का उपयोग करके एक सफल गर्भाधान प्राप्त किया।
- 2018: पहला IVF शिविर:भारतीय डॉ. नंदीता पालशेट्टी ने दुनिया का पहला IVF शिविर आयोजित किया, जिसमें बिना लागत के IVF उपचार प्रदान किए गए।
IVF प्रक्रिया का विस्तृत विश्लेषण
- ओवरियन स्टिमुलेशन (Ovarian Stimulation):IVF प्रक्रिया की शुरुआत में, महिला को हॉर्मोनल दवाओं का अभ्यास कराया जाता है ताकि उसके ओवरीज़ से अधिक संभावित अंडे प्राप्त किए जा सकें। यह उत्तेजन के कारण एक से अधिक अंडे प्राप्त होते हैं, जो फिर गर्भाशय के अंदरीय तक पहुंचाए जाते हैं।
- अंडा संग्रह (Egg Retrieval):जब अंडे परिपक्व हो जाते हैं, तो एक प्रकार की संवेदनशील प्रक्रिया के माध्यम से डॉक्टर उन्हें निकालते हैं। यह प्रक्रिया अम्बाइवलेंस द्वारा की जाती है, जिसमें एक बारीक नितांत नोकर उपयोग किया जाता है जो अंडे को उत्तेजित करने और निकालने के लिए काम करता है।
- स्पर्म संग्रह और तैयारी (Sperm Collection and Preparation):स्पर्म को भी संग्रहित किया जाता है, जो फिर औद्योगिक रूप से तैयार किया जाता है। इसके बाद, उत्तेजित स्पर्म का उपयोग अंडे को गर्भाशय में फर्टिलाइज करने के लिए किया जाता है।
- अंडा-और-स्पर्म संयोजन (Fertilization):
- इस चरण में, उत्तेजित स्पर्म को प्राणी के अंडे के साथ एक साथ मिलाया जाता है, जिससे एंब्रियो बनता है। यह प्रक्रिया पेट्री डिश में लैबोरेटरी में होती है।
- एंब्रियो के स्थापना (Embryo Transfer):अंब्रियो का स्थापना एक अंदरूनी गर्भाशय में किया जाता है, जिससे उसका विकास शुरू हो सके। यह एक साधारण और आधारिक प्रक्रिया है जो अम्बुलेंट रूप से किया जाता
IVF किसके लिए है: संकेत और पात्रता मानदंड
- IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) उन जोड़ों के लिए एक विकल्प होता है जिन्हें अन्य प्राकृतिक रूप से गर्भाधान करने में समस्या हो सकती है। यहां IVF के लिए पात्रता मानदंड और संकेत हैं:
- ओव्युलेशन विकार (Ovulation Disorders): महिलाओं में अनियमित या अभावशील ओव्युलेशन की समस्या हो सकती है, जिसके कारण गर्भाधान की संभावना कम होती है। IVF इन महिलाओं के लिए एक विकल्प हो सकता है।
- तंबाकू और अन्य धूम्रपान के प्रभाव: धूम्रपान और अन्य अश्लीलता उत्पन्न करने वाली पदार्थों का सेवन करने से गर्भाधान की संभावना कम हो सकती है। IVF इन जोड़ों के लिए एक उपाय हो सकता है।
- अंडाओं की अज्ञात संख्या या गुणवत्ता की कमी: कुछ महिलाओं के अंडे अज्ञात कारणों के कारण सामान्य संख्या या गुणवत्ता में कमी होती है। IVF इन मामलों में सहायक हो सकता है।
- गर्भाशय की अवरुद्धता (Fallopian Tube Blockage): यदि महिला के गर्भाशय के उपरी हिस्से में ब्लॉकेज हो, तो अंडा स्पर्म से मिलने की क्षमता होती है। IVF इस मामले में गर्भाधान की संभावना को बढ़ा सकता है।
- अंडा या शुक्राणु की कमी: कभी-कभी, या तो अंडा या शुक्राणु की संख्या में कमी होती है या उनकी गुणवत्ता कम होती है। IVF इन मामलों में उपयोगी हो सकता है।
- गर्भाधान नहीं होने के अज्ञात कारण: कई बार, जोड़ों को गर्भाधान नहीं होने के कारण पता नहीं चलते हैं। IVF ऐसे मामलों में एक परीक्षण और उपचार का विकल्प हो सकता है।
IVF सफलता दरें: क्या उम्मीद करें
- आयु: महिलाओं की आयु एक महत्वपूर्ण कारक है, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ ओवरियन रिजर्व और ओव्युलेशन की समस्याएं बढ़ सकती हैं। युवा महिलाएं आमतौर पर IVF के लिए अधिक उम्मीद रखती हैं।
- जीवनशैली: स्वस्थ और सकारात्मक जीवनशैली, जैसे कि सेहतमंद खानपान, व्यायाम और ध्यान, IVF की सफलता को बढ़ा सकती है।
- मेडिकल इतिहास: पूर्ववर्ती चिकित्सा इतिहास, जैसे कि पिछली गर्भाधान से संबंधित समस्याएं या गर्भाशय की रोगों की उपस्थिति, IVF की सफलता को प्रभावित कर सकती है।
- गर्भाशय की स्वास्थ्य: गर्भाशय की स्वास्थ्य भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसी भी गर्भाशय की समस्या, जैसे कि अंडानुप्राणन, गर्भाशय की संरचना की असमानता, या गर्भाशय की संक्रमण, IVF की सफलता पर प्रभाव डाल सकती है।
- शुक्राणु की स्वास्थ्य: पुरुषों में शुक्राणु की संख्या, गुणवत्ता, और चलन, IVF की सफलता पर प्रभाव डाल सकती है।
- चिकित्सकीय समर्थन: उच्च गुणवत्ता के चिकित्सकीय समर्थन का होना, जो अनुभवी IVF चिकित्सक द्वारा प्रदान किया जाता है, IVF की सफलता में महत्वपूर्ण हो सकता है।
IVF के साथ जुड़े जोखिम और संभावित जटिलताएँ
- फाइनेंशियल जोखिम: IVF चिकित्सा उपचार महंगा हो सकता है, और कई बार यह प्रक्रिया एकाधिक बार आवश्यक होती है। इसलिए, फिनैंसियल स्थिति पर दबाव पड़ सकता है और संभावित तनाव उत्पन्न हो सकता है।
- मानसिक दबाव: IVF प्रक्रिया अत्यधिक मानसिक तनाव का कारण बन सकती है। चिकित्सा उपचार के दौरान असफलता, अप्रत्याशित परिणाम या दिक्कतें, जैसे कि दवाओं के दुष्प्रभाव, संभावित गर्भाधान का विफलता, या निष्क्रिय गर्भाधान, मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
- स्वास्थ्य संबंधी जोखिम: IVF उपचार के दौरान, हॉर्मोनल दवाओं का उपयोग, सर्जरी, या अन्य चिकित्सा प्रक्रियाओं के कारण संभावित स्वास्थ्य संबंधी जोखिम हो सकते हैं।
- प्रक्रिया की विफलता: IVF के दौरान, अंडे या शुक्राणुओं का प्राप्त करने की सफलता नहीं हो सकती है, जिससे गर्भाधान की संभावनाएं कम हो सकती हैं। इसके अलावा, गर्भाधान के दौरान या प्रसव के दौरान समस्याएँ हो सकती हैं।
- धार्मिक और नैतिक मुद्दे: कुछ लोगों के लिए IVF के दौरान और उसके परिणामों को लेकर धार्मिक और नैतिक संदेह हो सकते हैं।
- महिलाओं की स्वास्थ्य की जटिलताएँ: कई बार, महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याएँ, जैसे कि औरतों की अनियमित पीरियड्स, प्रमाणिक अस्त्रियों की समस्याएं, या पुरानी गर्भाशय की समस्याएँ, IVF की प्रक्रिया को अधिक जटिल बना सकती हैं।
IVF उपचार की लागत: ध्यान में रखने वाले कारक
- देश और शहर: IVF उपचार की लागत देश और शहर के आधार पर भिन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, विकासशील देशों में IVF की लागत अधिक होती है जबकि विकासहीन देशों में कम हो सकती है।
- चिकित्सालय और डॉक्टर का चयन: अधिकतर IVF केंद्र और डॉक्टर अपनी दरें स्पष्ट करते हैं, जिससे उपचार की कुल लागत पर प्रभाव पड़ सकता है।
- उपचार की आवश्यकता: IVF की आवश्यकता किसी व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और चिकित्सा इतिहास पर आधारित होती है। कई बार, अधिक उपचार की आवश्यकता होती है, जो अधिक लागत का कारण बन सकती है।
- दवाओं और सुविधाओं की लागत: IVF प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाले दवाओं, प्रोसेसिंग शुल्क, लैब टेस्ट्स, और अन्य सुविधाओं की लागत को भी ध्यान में रखना चाहिए।
- एक बार उपचार या अधिक: कई बार, IVF प्रक्रिया को एक बार में समाप्त करने के लिए प्रयास किया जाता है, लेकिन कई मामलों में एकाधिक प्रयास की आवश्यकता होती है, जिससे कुल लागत बढ़ सकती है।
- बीमा कवरेज: कुछ देशों और बीमा कंपनियों ने IVF उपचार को शामिल किया है, जिससे लागत कम हो सकती है। इसलिए, बीमा कवरेज की उपलब्धता और शर्तों को ध्यान में रखना चाहिए।
IVF के वैज्ञानिक पहलू और तकनीकी उन्नति
- देश और शहर: IVF उपचार की लागत देश और शहर के आधार पर भिन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, विकासशील देशों में IVF की लागत अधिक होती है जबकि विकासहीन देशों में कम हो सकती है।
- चिकित्सालय और डॉक्टर का चयन: अधिकतर IVF केंद्र और डॉक्टर अपनी दरें स्पष्ट करते हैं, जिससे उपचार की कुल लागत पर प्रभाव पड़ सकता है।
- उपचार की आवश्यकता: IVF की आवश्यकता किसी व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और चिकित्सा इतिहास पर आधारित होती है। कई बार, अधिक उपचार की आवश्यकता होती है, जो अधिक लागत का कारण बन सकती है।
- दवाओं और सुविधाओं की लागत: IVF प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाले दवाओं, प्रोसेसिंग शुल्क, लैब टेस्ट्स, और अन्य सुविधाओं की लागत को भी ध्यान में रखना चाहिए।
- एक बार उपचार या अधिक: कई बार, IVF प्रक्रिया को एक बार में समाप्त करने के लिए प्रयास किया जाता है, लेकिन कई मामलों में एकाधिक प्रयास की आवश्यकता होती है, जिससे कुल लागत बढ़ सकती है।
- बीमा कवरेज: कुछ देशों और बीमा कंपनियों ने IVF उपचार को शामिल किया है, जिससे लागत कम हो सकती है। इसलिए, बीमा कवरेज की उपलब्धता और शर्तों को ध्यान में रखना चाहिए।
FAQ's
IVF का पूरा नाम है “इन विट्रो फर्टिलाइजेशन” जो एक प्रौद्योगिकी है जिसमें अंडा और शुक्राणु को एक पेट्री डिश में मिलाया जाता है।
IVF का उपयोग उन जोड़ों के लिए किया जाता है जिन्हें गर्भाधान की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि अंडों या शुक्राणुओं की कमी, अंडानुप्राणन, या गर्भाशय की अवरुद्धता।
IVF के कई प्रकार हो सकते हैं, जैसे कि इन्ट्रा साइटोप्लास्मिक स्पर्म इनजेक्शन (ICSI), इन्ट्रा उत्तेजित अंडोशिस (IMSI), या गर्भाधान से पहले प्रीमपलांटेशन जेनेटिक स्क्रीनिंग (PGS)।
IVF प्रक्रिया की कुल अवधि कुछ हफ्तों से लेकर कई महीनों तक हो सकती है, लेकिन यह व्यक्ति की स्वास्थ्य और अन्य कारकों पर निर्भर करता है।
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